300 करोड़ मिला पर 2 साल में वाटर वर्क्स को जमीन नहीं मिली, लोग पी रहे दूषित पानी
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300 करोड़ मिला पर 2 साल में वाटर वर्क्स को जमीन नहीं मिली, लोग पी रहे दूषित पानी

एक दशक पहले जांच में पाया गया कि ट्यूबवेल का पानी स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है, लेकिन जन स्वास्थ्य विभाग इसके लिए गंभीर नहीं दिखता है। करीब 90 फीसदी शहरवाासी यही पानी पी रहे हैं। इस समस्या को देखते हुए सीएम मनोहर लाल ने दो साल पहल नहरी पानी उपलब्ध कराने के लिए वाटर वर्क्स की स्थापना की बात की थी। इसके लिए 300 करोड़ का बजट भी जारी कर दिया गया, लेकिन जन स्वास्थ्य विभाग का एक एसई, 2 एक्सईएन, 2 एसडीओ, 6 जेई बाद भी जगह नहीं तलाश पाए। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनस्वास्थ्य विभाग शुद्ध जल उपलब्ध कराने के प्रति कितना गंभीर हैं। विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि कई जगह जमीन देखी गई है। ई पोर्टल पर भी जमीन की तलाश की जा रही है। इसको सरकार के पास भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी के बाद आगे का काम होगा।

एक दशक पहले ही पीने लायक नहीं है ट्यूबवेल का पानी

कैनाल बेस्ड वाटर सप्लाई मुहैया न होने पाने के कारण 90 प्रतिशत शहरवासी लंबे समय से ट्यूबवेल का पानी पीने को मजबूर हैं। एक दशक पहले शहर के विभिन्न हिस्सों में लगे इन ट्यूबवेल का पानी पीने लायक था लेकिन पिछले कई सालों से ट्यूबवेल के पानी में टीडीएस की मात्रा बढ़ने व इसका स्वाद बदल जाने कारण यह पीने लायक नहीं रहा। इसके चलते शहरवासी पिछले कई साल से कैनाल बेस्ड वाटर सप्लाई मुहैया करवाने की मांग कर रहे हैं।

ई भूमि पोर्टल पर 2 जगह चिह्नित

कैनाल बेस्ड वाटर वर्क्स बनाने के लिए अब ई-भूूमि पोर्टल पर दो जगह जमीन उपलब्ध होना सामने आया है। इसमें किनाना गांव के पास 71 एकड़ जमीन व झांझ गांव के पास 55 एकड़ जमीन संबंधित किसानों ने वाटर वर्क्स बनाने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग को देने को तैयार हैं। इस पर जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने संबंधित किसानों से इस पर बात की है लेकिन जमीन खरीदी जाए या नहीं, एक जगह ही खरीदी जाए या दोनों जगह इस पर फैसला सरकार को लेना है।

2 साल पहले जारी किया था बजट पर काम नहीं हुआ

शहरवासियों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए सीएम मनोहरलाल ने वर्ष 2018 में कैनाल बेस्ड वाटर वर्क्स बनाकर भाखड़ा नहर से सप्लाई मुहैया कराने की घोषणा की थी। इसके बाद सरकार ने 300 करोड़ का बजट भी जारी कर दिया था। बावजूद इसके इस प्राेजेक्ट पर कोई भी काम नहीं हुआ। प्राेजेक्ट सिर्फ अधिकारियों की बैठकों तक ही सीमित रहा।

2 वाटर वर्क्स बने तभी होगा समस्या का समाधान

शहर के स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने की समस्या का पुख्ता समाधान तभी हो पाएगा। जब शहर के दोनों छोर पर वाटर वर्क्स बने। बढ़ती आबादी व क्षेत्रफल को देखते हुए यह भविष्य के लिए जरूरी है। ई भूमि पोर्टल पर किनाना व झांझ में जमीन उपलब्ध होने पर सरकार को चाहिए की दोनों जगहों पर जमीन खरीद वाटर वर्क्स बनाया जाए। किनाना में सुंदर सब ब्रांच नहर से तो झांझ में भाखड़ा नहर से या फिर हांसी ब्रांच नहर से आसानी से वाटर सप्लाई मुहैया हो सकती है।



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300 crores got but in 2 years water works did not get land, people are drinking contaminated water


from KAPS Krishna Pandit
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