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दोपहर 2 बजे के करीब मैं घर की छत पर रफाल की पहली झलक देखने चढ़ गया था। एक घंटे में पसीने से तर-बतर हो गया। मन किया नीचे चला जाता हूं। जहाज आएगा तो उसकी जोरदार आवाज सुनकर फिर आ जाऊंगा। हालांकि मैं नहीं गया। चला जाता तो शायद मैं इस मौके से चूक जाता। क्योंकि रफाल की तो कोई आवाज ही नहीं थी। यह तो चील की तरह शांत लेकिन चीते की तरह तेजी से जा रहा था। मैंने पांचों रफाल को देखा। उन्हें दो सुखोई विमान एस्कॉर्ट कर रहे थे।
यह अनुभव रहा अम्बाला कैंट के साइंस उद्यमी डॉ. अनिल जैन का। डॉ. जैन इलेक्ट्रॉन डिवाइस बनाने वाली फर्म वैशेषिका के संचालक हैं। इस फर्म में बना केलिब्रेशन स्टैंडर्ड मिराज, जगुआर, लाइट कॉम्बेट एयरक्रॉफ्ट, ब्रह्मोस व अग्नि मिसाइल जैसे प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल हुआ है।
डॉ. जैन की ही तरह अम्बाला के हर आम-ओ-खास की यही तमन्ना थी कि वही सबसे पहले रफाल को उड़ता देखे। पूरे जीटी रोड पर गाड़ियां खड़ी कर लोग एयरबेस की ओर ताक रहे थे। एयरफोर्स की बाउंड्री के पास बलदेवनगर व धूलकोट में जो कॉलोनियां हैं, वहां लोग सुबह से ही घर की छतों पर, पानी की टंकियों पर चढ़े थे। जहाजों की आवाज ने इन कॉलोनियों के लोगांे का चैन छीन रखा है, लेकिन आज यही लोग नए जहाज की आवाज सुनने के बेचैन दिखे।
वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी पर प्रशासन ने मंगलवार को धारा 144 लागू कर रोक लगा दी थी। यही नहीं शहर में जितनी भी ऊंची इमारतें हैं, सभी जगह लोग खड़े थे। महिलाएं व बच्चे भी धूप में ही छतरियां लेकर बैठे दिखे। रफाल लैंड करने की सूचना के बाद कई जगह दिन में ही आतिशबाजी हुई। लोगों ने गुब्बारे उड़ाकर व तालियां बजाकर स्वागत किया था। इससे पहले सुबह कई जगह हवन यज्ञ हुए। सिटी विधायक असीम गोयल ने पूर्व सैनिकों के साथ रेस्ट हाउस में भंगड़ा डाला वहीं गृहमंत्री अनिल विज ने ट्वीट से स्वागत किया।
काम छाेड़ डेढ़ घंटे तक जेल लैंड पुल पर जुटे रहे लाेग | प्रशासन ने एयरफोर्स स्टेशन के 3 किलोमीटर के दायरे में धारा 144 लगा रखा थी लेकिन उत्साहित लोग एयरबेस से सटे जेल लैंड पुल के ऊपर जुटना शुरू हो गए। धूलकोट, कबीर नगर, जसमीत नगर व विराट नगर कॉलोनियों में लोग रफाल का दीदार करने के लिए घराें की छतों पर चढ़ गए। लोगों में उत्साह इतना था कि ऑटो चालक अपना काम छोड़कर पुल पर डट गए तो पेरेंट्स अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर पहुंच गए थे।
जब रफाल अम्बाला एयरबेस के ऊपर पहुंचा तो लोगों ने अपने मोबाइल में शूट करना शुरू कर दिया। यहां करीब सवा घंटे से रफाल विमान को लेकर इंतजार कर रहे ऑटो चालक जंडली निवासी विजय कुमार ने बताया कि काम तो रोज ही करते हैं, लेकिन ऐसे मौके जिंदगी में रोज नहीं आते। हरि पैलेस से आई महिलाओं ने बताया कि वह अपने बच्चों को रफाल दिखाने के लिए आईं थी।
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