आदेश के पांच माह बाद भी सरकारी कर्मचारी पुलिस, फौजी और अन्य के जीरो बैलेंस फास्टैग नहीं बनाए गए हैं। जिसके कारण अभी भी प्रदेश के हिसार के मय्यड़, अग्रोहा, रोहतक, मकडौली, पानीपत, सोनीपत, करनाल आदि के टोल से कुछ लोग दिल्ली पुलिस और फौजी का फर्जी आईकार्ड बनवाकर निकल रहे हैं।
हालांकि लॉकडाउन से पूर्व हरियाणा पुलिस के फर्जी आईकार्ड बनाकर निकलने के मामले अधिक थे। पिछले पंद्रह दिन में इस तरह के तीस से अधिक मामले पकड़ में आए हैं। हालांकि ऐसे लोगों के कार्ड जब्त कर लिए गए। साथ ही एनएचएआई को भी इसकी रिपोर्ट भेजी गई है।
टोल नाकों पर 15 दिन में फर्जीवाड़े के 30 मामले आ चुके सामने, अधिकारयों ने एनएचएआई को भेजी रिपोर्ट
- 5 जुलाई को रोहतक का रहने वाला युवक मकड़ौली टोल से गुजरा। खुद को दिल्ली पुलिस का सिपाही बताते हुए आईकार्ड दिखाया। शक होने पर टोल के कर्मचारियों ने जांच की तो कार्ड फर्जी निकला। युवक को चेतावनी देते हुए कार्ड को जब्त कर लिया गया।
- हिसार के अग्रोहा टोल से 9 जुलाई को कार सवार हिसार के लिए आ रहा था। खुद को फौज में बताया। आईकार्ड दिखाया तो टोल के कर्मचारियों को शक हुआ। जांच की तो कार्ड फर्जी पाया गया। चेतावनी देकर युवक से कैश रुपये वसूलकर उसे जाने दिया गया।
- मय्यड़ टोल से 11 जुलाई को कार सवार युवक कैश वाली लाइन से निकलने लगा। रुपये मांगने पर खुद को दिल्ली पुलिस में बताया। आईकार्ड चैक करने पर कर्मचारियों को शक हुआ। रुपये वसूलने के बाद युवक को जाने दिया गया।
- पानीपत टोल से 15 जुलाई को कार सवार रोहतक के लिए जा रहा था। खुद को दिल्ली पुलिस में बताते हुए टोल के रुपये देने से इनकार कर दिया। बाद में पता चला कि युवक दिल्ली पुलिस में नहीं है।
पहले हरियाणा पुलिस का जवान बताते थे
टोल प्लाजा के सूत्रों के अनुसार लॉकडाउन से पहले रुपये देने न पड़ें, इसलिए लोग खुद को हरियाणा पुलिस या फिर अन्य विभाग का अधिकारी और कर्मचारी बताते थे। अब खुद को दिल्ली पुलिस में तैनात बता रहे हैं।
जल्द फास्टैग मिलने की उम्मीद
- फर्जी पुलिस कर्मी और फौजी बताने वालों पर वैसे तो कुछ हद तक अंकुश लगा है। अभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के जीरो बैलेंस फा स्टैग बनकर नहीं आए हैं, जिसके कारण थोड़ी बहुत परेशानी आ रही है। जल्द जीरो बैलेंस फास्टैग मिलने की संभावना है।- कर्नल वीरेंद्र कुमार शेखावत, सीनियर जनरल मैनेजर, रोहतक और पानीपत टोल।
- अभी भी खुद को पुलिस और फौज में बताकर फर्जी कार्ड बनवाकर लोग पहुंच रहे हैं। ऐसे वाहन चालकों को चेतावनी दी जाती है। पूर्व में कुछ के खिलाफ केस भी दर्ज कराए गए थे।- अरविंद कुमार, मैनेजर अग्रोहा टोल।
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