34 साल बाद बदलाव कर भारत सरकार द्वारा लागू की गई देश की नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 के तहत स्कूली शिक्षा में शतरंज को शामिल किया गया है। इसके तहत बच्चों का टेलेंट निखारने के लिए यह नई पहल की गई है।
हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) के प्रदेश महासचिव कुलदीप ने बताया कि पढ़ाई-लिखाई के साथ अब स्कूलों से ऑनलाइन व ऑफलाइन तरीके से बच्चों की तार्किक क्षमता बढ़ाने का काम भी होगा। नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 में इसे लेकर पहल की गई है। नई नेशनल शिक्षा नीति में शतरंज को पूरी ताकत के साथ बढ़ावा देने की बात कही गई है।
दिमाग के विकास के लिए कसरत भी जरूरी
कुलदीप ने बताया कि नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 में कहा गया है जिस तरह से स्कूलों में बच्चों के स्वस्थ रहने के लिए खेलकूद और शारीरिक कसरत जरूरी है, उसी तरह से दिमाग के विकास के लिए दिमागी कसरत भी जरूरी है। जो शतरंज की गतिविधियों से हासिल हो सकती है। नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 से साफ है कि स्कूली शिक्षा को मजबूत बनाने और बच्चों के विकास के लिए चिंतन किया गया है।
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