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विदेश भिजवाकर उच्च स्तरीय शिक्षा व नौकरी लगवाने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगने के 2 नए मामले सामने आए हैं। सूर्य नगर निवासी कुलदीप से पुर्तगाल भेजने के नाम पर 7 लाख ठगी के आराेप और दूसरी तरफ 5 दोस्तों को जापान भेजकर पढ़ाई व नौकरी के सपने दिखाकर 36.10 लाख रुपए हड़पने के आराेप का मामला सामने आया है। आराेपी बाकी रकम मांगने पर जान से मारने की धमकियां देने लगे हैं। आजाद नगर थाना में पंजाब के व्यक्ति तो सिविल लाइन थाना में प्रेम नगर के मां-बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
10 लाख मांगे, 7 लाख हड़प बोला- दस्तावेज कैंसिल हो गए
सूर्य नगर वासी कुलदीप ने पुलिस को बताया कि बैंक काॅलोनी वासी चचेरे भाई अंकित के साथ प्रेम नगर में रहने वाली फूलपति और उसके पुत्र रविंद्र हुड्डा के घर आता-जाता था। अगस्त 2017 में मां-बेटा ने कहा कि हम तुम्हें पुर्तगाल में नौकरी दिलवा सकते हैं। बोले कि 10 लाख रुपए लगेंगे। 20 अगस्त 2017 को भूना स्थित भट्टू वासी दोस्त वजीर सिंह को साथ लेकर रविंद्र हुड्डा के घर गया था। मुझसे 10 लाख रुपए मांगे थे। मैंने कहा- 10 लाख नहीं है। वे बोले- जितने हैं उतने दो। काम शुरू करें। बाकी वीजा लगने के बाद देते रहना।
श्यामलाल बाग के पास रहने वाले चाचा रामचंद्र से 2 लाख लेकर रविंद्र दिए थे। तब उन्होंने अपनी आईडी अग्रसेन चौक स्थित हिसार कंसल्टेंसी ऑफिस में दे जाना। दिसंबर 2017 में बकाया राशि को कहा गया। तब ताई कौशल्या देवी से 4 लाख लेकर आरोपी के खाते में डलवाए थे। चाचा रामचंद्र से डेढ़ लाख लेकर दिए थे। अप्रैल 2018 में रविंद्र ने कहा कि दस्तावेज कैंसिल हो गए हैं। हमने कहा कि साढ़े 7 लाख रुपए लिए हैं। उन्होंने 50 हजार रुपए लौटा दिए, लेकिन 7 लाख मांगने पर जान से मारने की धमकी देते हैं।
जापान एंबेसी में सत्यापन नहीं होने पर पकड़ी धोखाधड़ी
खारिया गांव वासी राजेश गोदारा ने बताया कि 10 जनवरी 2019 को पंजाब के बरनाला स्थित नवां शहर के भगत सिंह नगर में रहने वाला अमरदीप मुझे, मेरे दोस्त सिवानी बोलान वासी सचिन, संदीप, संदौला वासी अजय, सिरसा स्थित चाहरवाल वासी रजनीश को चिकनवास टोल के समीप होटल में मिला था। अमरदीप ने कहा कि सभी को जापान में स्टूडेंट वीजा दिलवा दूंगा। पार्ट टाइम नौकरी लगवाने की जिम्मेदारी भी। प्रत्येक को साढ़े 9 लाख रुपए खर्च होंगे।
राजेश गोदारा ने बताया कि उसकी बातों पर विश्वास कर लिया था। हमारा सभी का पासपोर्ट बना था। हमसे 50-50 हजार और दस्तावेज लेकर चला गया था। मुझसे 1.36 लाख अलग से लेकर गया था। बोला कि बिना साक्षात्कार वीजा लगवा दूंगा। 2 दिन बाद हमारे पांचों का सर्टिफिकेट ऑफ एलिजिबिलीटी मिनिस्ट्री ऑफ जस्टिस जापान सरकार की कॉपी लेकर आया था। प्रति व्यक्ति 9 लाख कुल 45 लाख खाते में जमा करवा दिए थे। एक सप्ताह बाद अमरदीप का फोन आया था। संदीप व सचिन से श्योमनी के नाम पर 70-70 हजार अलग से लिए। अमरदीप पर शक तब हुआ, जब हमें दस्तावेजों के सत्यापन करने के लिए जापान एंबेसी नहीं भेजा था। अब हमारी कुल 36.10 लाख रुपए की राशि लौटाने में आनाकानी कर रहा है। जान से मारने की धमकी दे रहा है।
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