हरियाणा विधानसभा को पेपरलैस करने को लेकर प्रक्रिया तेज हो गई है। इस मामले में केंद्रीय संसदीय कार्य मामले मंत्रालय लोकसभा अधिकारियों की हरियाणा सरकार व विधानसभा के अधिकारियों के साथ वीसी के जरिए बैठक हुई। हरियाणा की ई-विधानसभा में 20 करोड़ रुपए की राशि खर्च आएगी। इस राशि में से 12 करोड़ रुपए केंद्र सरकार मुहैया कराएगी, जबकि शेष राशि 8 करोड़ रुपए हरियाणा सरकार खर्च करेगी।
पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की विधानसभा को पहले ही पेपरलैस किया जा चुका है। कई विधानसभाओं की कमेटी एचपी की ई-विधानसभा का मुआयना कर चुकी हैं। केंद्र के साथ हुई वीसी में अब हरियाणा को दो कमेटियों के गठन के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए हाउस कमेटी का गठन होगा, जो स्पीकर के नेतृत्व में बनाई जाएगी। इस कमेटी में नौ विधायक होंगे।
स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का गठन विधानसभा सचिव राजेंद्र सिंह नांदल की अध्यक्षता में गठन होगा। इन दोनों कमेटियों का चयन स्पीकर के स्तर पर होगा। इनके गठन के बाद एमओयू साइन होगा, जोकि केंद्रीय संसदीय मामले विभाग, सरकार और हरियाणा विधानसभा के अधिकारी साइन करेंगे। विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि विधानसभा सचिवालय ने हारट्रोन की मदद से ई-विधानसभा के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करवा ली है।
इनके लिए लगाई जाएंगी टच स्क्रीन : ई-विधानसभा में स्पीकर, सीएम के अलावा नेता प्रतिपक्ष, हर मंत्री व विधायक के बेंच पर एलईडी स्क्रीन रहेगी। यह स्क्रीन पूरी तरह से टच वाली होंगी। इन पर विधानसभा की पूरी कार्यवाही विधायक देख सकेंगे। इतना ही नहीं विधायकों के सवाल और मंत्री के जवाब भी इसी पर उपलब्ध होंगे। जबकि हिमाचल विधानसभा की तर्ज पर इस तरह की सुविधा अधिकारियों व मीडिया गैलरी में भी मिलेगी। इसके मैटर को कॉपी-पेस्ट करके ईमेल भी किया जा सकेगा। आईटी एक्सपर्ट की टीम भी जाएगी, ताकि हिमाचल पैटर्न का अवलोकन कर सके।
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