
आजाद नगर स्थित गीता काॅलोनी में रहने वाले 24 वर्षीय युवक ने घर में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। वह पिछले काफी दिन से पब्जी गेम खेलता था। इसके चलते गुमसुम रहने लगा था। खाना भी नहीं खाता था।
परिजनों ने उसे कई बार गेम खेलने से मना किया था। मंगलवार को अपने दूसरे घर में सोने के लिए गया था। बुधवार सुबह उसका शव फंदे से लटका मिला। सूचना मिलने पर आजाद नगर थाना पुलिस पहुंची। शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने मां कमलेश के बयान पर इत्तेफाकिया कार्रवाई की है।
आजाद नगर थाना के जांच अधिकारी देवेंद्र ने बताया कि 24 वर्षीय अरविंद ने फंदा लगाकर सुसाइड किया है। मां कमलेश ने बताया कि बेटा काफी समय से मोबाइल में पब्जी खेलता था। उसे मना करते थे, लेकिन नहीं मानता था। कई घंटों तक गेम खेलता रहता था। मंगलवार को वह गेम खेल रहा था।
तब उसे टोका था। वह उठकर दूसरे घर में सोने की कहकर चला गया था। सुबह नहीं आया तो घर में जाकर देखा। वह फंदे से लटका था। वहीं, उसका मोबाइल पड़ा था।
पथ भ्रष्ट होने में नहीं लगता वक्त : सिविल अस्पताल की मनोवैज्ञानिक डॉ. शालू ढांडा का कहना है कि मोबाइल एडिक्शन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। परिवार से अलगाव बढ़ जाता है। मोबाइल अगर पल भर आंखों से ओझल हो जाए तो वे अजीब व्यवहार करने लगते हैं। बच्चे पथभ्रष्ट होने के बाद किसी की नहीं सुनते। इसलिए गलत कदम उठा लेते हैं। पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान रखें।
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