
हरियाणा राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक अनुराग अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार का इलेक्ट्रोनिक्स के सामान की औद्योगिक इकाइयों के लिए सोहना में 400 एकड़ में, बल्क-ड्रग की इकाइयों के लिए पानीपत में 800 एकड़ में औद्योगिक-पार्क बनाने का प्रस्ताव है, मेडिकल-पार्क बनाने को लेकर सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बुधवार को फ्लीपकार्ट, सेविल्स तथा इंडोस्पेस कंपनियों के उच्चाअधिकारियों से वेबिनार के बाद यहां जानकारी दी कि हरियाणा सरकार प्रदेश में विदेशी निवेश को आमंत्रित करने के लिए कई कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले दिनों अमेरिका व जापान के निवेशकों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग करके उनको हरियाणा में औद्योगिक इकाइयां लगाने का निमंत्रण दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार हरियाणा राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम के अधिकारी हरियाणा में निवेश करने की इच्छुक कंपनियों से वन-टू-वन बात करते हैं ताकि उनकी आवश्यकताओं के बारे में पता करके उनको निवेश के लिए आकर्षित कर सकें।
औद्योगिक इकाइयों के लिए भारत सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के मद्देनजर इलेक्ट्रोनिक्स, कलपूर्जे तथा मेडिकल उपकरण के क्षेत्र में हरियाणा में काफी निवेश आने की संभावना है। भारत मेडिकल के क्षेत्र में अधिक से अधिक आत्मनिर्भर बनना चाहता है ताकि भविष्य में किसी भी आपदा से आसानी से निपट सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार दवा बनाने में प्रयुक्त होने वाली सहायक सामग्री बनाने की अधिक इच्छुक है, इसके लिए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है।
बागवानी के लिए 120 करोड़ केंद्र सरकार से मिलेंगे
बागवानी से जुड़े किसानों के लिए अच्छी खबर है। भले ही अन्य विभागों में बजट की कमी हो सकती है, लेकिन किसानों से जुड़े बागवानी विभाग का बजट पिछले साल की अपेक्षा इस बार 60 करोड़ रुपए बढ़कर 200 करोड़ हो गया, जो पिछले साल 140 करोड़ रुपए था। इसमें 120 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से मिलेंगे। जबकि 80 करोड़ रुपए राज्य सरकार मिलाएगी। इसी के चलते बागवानी विभाग ने अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने पर काम शुरू कर दिया है।
जिसमें बड़ी बात यह है कि बागवानी विभाग भिवानी जिले के गांव गिगनाऊ में इंटीग्रेटेड हार्टिकल्चर का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू करेगा। यह इंडो-इजराइल तकनीक पर आधारित होगा। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि 25 एकड़ में बनने वाला यह पहला ऐसा सेंटर होग, जिसमें फलों और सब्जियों की वैरायटी पर काम किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर 10 करोड़ रुपए का खर्च आएगा, जिसमें चार करोड़ रुपए मंजूर हो चुके हैं। खास बात यह है कि इसमें फ्रूट फॉरेस्ट की वैरायटी तैयार की जाएगी। इस सेंटर में थाईलैंड के एप्पल बैर की वैरायटी भी शामिल है। जिसकी डिमांड विदेशों तक है।
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