जिले में सोमवार को 25 कोरोना पॉजिटिव केस और मिले है। चिंताजनक बात यह हैं कि कोरोना योद्धा चिकित्सक व स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारी भी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। इससे स्वास्थ विभाग की चिंता और बढ़ गई है। सोमवार को ईएसआई अस्पताल के एक चिकित्सक व लोहानी कोविड केयर सेंटर के वार्ड सर्वेंट की रिपोर्ट भी पॉजिटिव मिली है। हालांकि दो चिकित्सक व एक वार्ड सर्वेंट कोरोना पर जीत हासिल कर फिर से ड्यूटी पर लौट आए हैं।
प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के लाख प्रयास भी जिले में विशेषकर जीबीटीएल क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की चेन को नहीं तोड़ पा रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात कोविड-19 की रोकथाम के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। इसके चलते अभी तक चार चिकित्सक समेत 9 स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।
सोमवार को भिवानी के ईएसआई अस्पताल के 30 वर्षीय चिकित्सक तथा लोहानी कोविड केयर सेंटर का 34 वर्षीय सर्वेंट भी संक्रमित मिले हैं। हालांकि दो चिकित्सक कोरोना पर जीत हासिल कर फिर से ड्यूटी पर आ गए हैं और पहले की तरह ही चिकित्सकीय सेवाएं शुरू कर दी हैं।
स्वास्थ्य विभाग के ये कर्मी हो चुके हैं संक्रमित
- एक महीने पहले सिविल अस्पताल के आपातकालीन विभाग में कार्यरत एक सर्वेंट पब्लिक ट्रांमिशन के तहत कोरोना संक्रमण की चपेट में आया था। वह कोरोना को मात देकर ड्यूटी पर लौट आया है।
- तोशाम सिविल अस्पताल में एक चिकित्सक संक्रमण की चपेट में आया था। चिकित्सक काेराेना पर जीत हासिल कर 14 दिन बाद फिर से ड्यूटी पर लौट आए है।
- चांग स्थित सीएचसी सेंटर में ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक की रिपोर्ट पॉजिटिव थी। महिला चिकित्सक एक सप्ताह पहले संक्रमण को मात देकर ड्यूटी पर लौट आई है और पहले की तरह ही लोगों को अपनी चिकित्सकीय सेवाएं दे रही है।
- 22 जून को सिविल अस्पताल की 27 वर्षीय महिला चिकित्सक समेत 4 स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। जो फिलहाल होम आइसोलेट हैं।
14 दिन बाद ही लौट आए थे ड्यूटी पर: एसएमओ
तोशाम सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. जितेंद्र कुमार ने बताया कि जो चिकित्सक कोरोना संक्रमित मिले थे वह ठीक हो गए है और 14 दिन बाद ही ड्यूटी पर लौट आए थे। वह पहले के तरह की अस्पताल में अपनी चिकित्सकीय सेवाएं दे रहे हैं।
ये कहना है एसएमओ का
सिविल सर्जन डाॅ. जितेंद्र कादयान ने कहा कि बढ़ता कोरोना संक्रमण चिंता का विषय है। इस पर रोक लगाने के लिए जिलावासियों को प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग का हर संभव सहयोग करना होगा और खुद के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना होगा। एडवाइजरी की पालना कर मास्क, सोशल डिस्टेंस व सैनिटाइजर के उपयोग की पालना जरूरी है। स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर दिनभर अपनी चिकित्सकीय सेवाएं दे रहे हैं।
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