सूखी पड़ी डब्ल्यूजेसी (पश्चिमी यमुना नहर) की मंगलवार को प्यास बुझ सकती है। 30 जून मंगलवार (आज) से नहर में पानी की आपूर्ति शुरू होने जा रही है। रादौर क्षेत्र के किसान भी लंबे समय से नहर में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं। सिंचाई विभाग के एसडीओ जसविंद्र हुड्डा ने बताया कि सुबह 6 बजे हमीदा हेड से डब्ल्यूजेसी में पानी की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। धीरे-धीरे पानी छोड़ा जाएगा। पश्चिमी यमुना नहर की क्षमता बढ़ाने के लिए इसके किनारों को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है इसलिए पश्चिमी यमुना नहर लंबे समय से सूखी पड़ी है।
केवल बरसाती सीजन में ही नहर में पानी की सप्लाई की जाती है। सूखी डब्ल्यूजेसी का साइड इफेक्ट भी सामने आ चुका है। पहले नहर के निकट चौवा (सेम) करीब 25-30 फीट था लेकिन अब चौवा खिसक कर 65-70 पर पहुंच चुका है। दर्जनभर किसानों के ट्यूबवेल ठप हो चुके हैं और उन्हें मजबूरी में नया बोर कराना पड़ा है।
नहर में पानी आने से बढ़ेगा चौवा| डब्ल्यूजेसी को खादर क्षेत्रवासियों की जीवन रेखा कहा जाता है। कुछ समय पहले यहां पर ट्यूबवेल की मोटर जमीन पर ही रखी जाती थी। एक दिन के अंदर ही बोर होकर ट्यूबवेल पानी देना शुरू कर देता था जिसके ऊपर बहुत ही कम लागत आती थी लेकिन किनारों को मजबूत करने के लिए इसमें पिचिंग का कार्य पिछले करीब दो वर्ष से चल रहा है जिस कारण केवल बारिश के दिनों में ही इसमें पानी की आपूर्ति की जाती है। नहर के सूखा होने पर धीरे-धीरे चौवा खिसकने लगा है।
30 जून मंगलवार को सुबह 6 बजे से डब्ल्यूजेसी (पश्चिमी यमुना नहर) में हमीदा हेड से पानी की आपूर्ति शुरू कर दी जाएंगी। धीरे-धीरे पानी की मात्रा को बढ़ाया जाएगा।
जसविंद्र हुड्डा, एसडीओ सिंचाई विभाग।
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