नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और वर्तमान में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने कहा है कि वह संयोग से क्रिकेटर बने हैं। गांगुली ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि पहले वह फुटबॉल को ही पसंद करते थे और यह उनके लिए जिंदगी की तरह था पर उनके पिता ने शरारत से दूर रखने के लिए उन्हें क्रिकेट कोचिंग से जुड़ने के लिए कहा और तभी से उनके जीवन में बदलाव आया। गांगुली ने कहा, 'फुटबॉल मेरी जिंदगी थी। मैं 9वीं कक्षा तक इसमें बहुत अच्छा था पर एक बार गर्मी की छुट्टी के दौरान, मेरे पिता ने मुझसे कहा कि तुम घर जाकर कुछ नहीं करोगे और मुझे एक क्रिकेट अकैडमी में डाल दिया।’
उन्होंने कहा, 'मेरे माता-पिता और परिवार के अन्य लोग काफी अनुशासनप्रिय थे, ऐसे में मेरे लिए यह उनसे दूर रहने का अच्छा अवसर था। उसी दौरान मेरे कोच ने मुझमें क्या देखा कि उन्होंने मेरे पिता से कहा कि वह मुझे फुटबॉल से दूर करें और क्रिकेट में भेजें। इसलिए मैं क्रिकेट में उतर गया।’ इस पूर्व कप्तान ने अपने पदार्पण मैच की शतकीय पारी को अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ क्षण बताया। उन्होंने कहा, ‘मैंने दलीप ट्रॉफी के पदार्पण मैच में शतक लगाया था, बंगाल के लिए भी रणजी फाइनल में पदार्पण किया पर टेस्ट डेब्यू लॉर्ड्स में खेलना मेरे लिए किसी सपने की तरह था।’ गांगुली ने पिछले साल 2019 अक्टूबर में ही बीसीसीआई अध्यक्ष अध्यक्ष पद संभाला था।
उन्होंने कहा, 'मेरे माता-पिता और परिवार के अन्य लोग काफी अनुशासनप्रिय थे, ऐसे में मेरे लिए यह उनसे दूर रहने का अच्छा अवसर था। उसी दौरान मेरे कोच ने मुझमें क्या देखा कि उन्होंने मेरे पिता से कहा कि वह मुझे फुटबॉल से दूर करें और क्रिकेट में भेजें। इसलिए मैं क्रिकेट में उतर गया।’ इस पूर्व कप्तान ने अपने पदार्पण मैच की शतकीय पारी को अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ क्षण बताया। उन्होंने कहा, ‘मैंने दलीप ट्रॉफी के पदार्पण मैच में शतक लगाया था, बंगाल के लिए भी रणजी फाइनल में पदार्पण किया पर टेस्ट डेब्यू लॉर्ड्स में खेलना मेरे लिए किसी सपने की तरह था।’ गांगुली ने पिछले साल 2019 अक्टूबर में ही बीसीसीआई अध्यक्ष अध्यक्ष पद संभाला था।
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