करधान में 11 हजार वोल्टेज लाइन के करंट से बच्ची सलोनी की मौत के 7 दिन बाद शुक्रवार दोपहर 1 बजे बब्याल सब-डिवीजन के एसडीओ अतितोष एरिया जेई के साथ पोल लगाने पहुंचे तो लोगों ने उन्हें खदेड़ दिया। इसकी शिकायत एसडीओ ने महेश नगर थाना पुलिस और एक्सईएन अम्बाला कैंट को दी।
पौने 3 बजे एसएचओ जसवंत सिंह पुलिस बल के साथ पहुंचे और मौका का मुआयना कर एक्सईएन पवन नरूला से बात की। एसएचओ ने एक्सईएन से कहा कि लोगों की मांग जायज है। ट्रांसफार्मर और लाइन शिफ्ट करना जरूरी है।
3 बजे एसडीओ दोबारा आए। एसडीओ ने एसएचओ और बच्ची सलोनी के परिजनों के सामने सफाई दी कि हमने 7 मार्च को 2.60 लाख रुपए का एस्टीमेट बनाकर नगर परिषद के पास भेजा था। परिषद ने एस्टीमेट का पैसा जमा नहीं कराया और हमारे पत्र का जवाब भी नहीं दिया। यदि परिषद हमें म्यूनिसिपल टैक्स (एम-टैक्स) से एस्टीमेट राशि 2.60 लाख काट कर पाेल शिफ्ट करने के लिए लिखती तो बब्याल डिवीजन लाइन शिफ्टिंग का काम कर देती।
लेकिन परिषद के ईओ-सचिव या संबंधित इंजीनियरिंग ब्रांच ने ऐसा नहीं किया। परिजनों ने कहा कि 2 विभागों में लटके एस्टीमेट से एक बच्ची की जिंदगी चली गई है। एसएचओ जसवंत सिंह ने परिजनों के सामने एसडीओ से कहा कि यदि पोल शिफ्ट करने में दिक्कत आती है तो कुछ मौजिज व्यक्ति गृहमंत्री अनिल विज से मिलें और पुलिस भी लोगों की तरफ से मंत्री के सामने बात रख देगी, ताकि यह विवाद खत्म हो जाए।
परिजनों से एसएचओ ने कहा कि आपकी मांग थी कि बिजली निगम पर लापरवाही का मामला दर्ज हो। हमने पर्चा दर्ज करने में देरी नहीं की। इसलिए अभी एस्टीमेट का पैसा जमा होने तक बिजली निगम का पोल लगाने दो ताकि आगे हादसा दोबारा न हो।
मौके पर मौजूद बच्ची के पिता राम अवतार, चाचा संजू और बीजेपी के बूथ प्रधान शक्ति सिंह ने बताया कि ट्रांसफार्मर का एक पोल भी टूट चुका है। इसलिए गांव के सभी लोग चाहते हैं कि यहां से लाइन शिफ्ट हो।
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