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टिड्डी दल एक बार फिर मंगलवार को राज्य में घुस आया। 5 किमी. लंबाई व 2 किमी. चौड़ाई में फैले टिड्डी दल ने हथीन मेवात से होते हुए राजस्थान के टपूकड़ा के रास्ते बावल क्षेत्र के गांव झाबुआ की ओर से प्रवेश किया। जो गांव प्राणपुरा, दुलहेड़ा कलां, नांगल शहबाजपुर, सुबाशेरी होते हुए करीब पौने 3 बजे वापस राजस्थान की सीमा में चला गया। यह झुंड महेंद्रगढ़ जिले के कुंजपुरा, श्यामपुरा, बाछौद होते हुए नीरपुर व पटीकरा के खेतों के ऊपर से भी गुजरा।
करीब घंटेभर आसमान में मंडराती रही टिडि्डयों के संभावित नुकसान को हवा के रुख ने टाल दिया और वे राजस्थान की तरफ मुड़ गईं। उल्लेखनीय है कि 26 जून को 10 किमी. लंबे टिड्डी दल ने पाकिस्तान से राजस्थान के रास्ते महेंद्रगढ़ जिले से राज्य में प्रवेश किया था। रेवाड़ी के जाटूसाना ब्लॉक के 12 गांवों में इन्होंने रात को डेरा जमाया। प्रशासन ने स्प्रे कर 30% टिडि्डयां खत्म की थी। बाकी टिड्डी दल झज्जर, गुड़गांव, दिल्ली होते हुए यूपी में प्रवेश कर गया था।
सूचना पर प्रशासन भी तुरंत हरकत में आ गया था। बावल एसडीएम रविंद्र कुमार के साथ ही कृषि विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे। मंगलवर को बावल के खिजुरी, झाबुआ, दुल्हेडा, सब्सिडी, नांगल तेजू आदि गांवों में टिड्डी दलों ने हमला किया। प्रशासन ने तत्काल तत्परता दिखाते हुए सभी गांवों के सरपंचों, ग्राम सचिवों, पटवारियों और किसानों को तुरंत अलर्ट कर दिया। टिड्डी दल को भगाने के लिए ढोल नगाड़ों, खाली कनस्तरों, थालियों, डीजे, स्पीकर और सायरन बजाए गए।
एसडीएम रविन्द्र कुमार के अलावा डीएसपी राजेश चेची, एचसीएस ऑफिसर (यूटी) कु. निशा और अंकिता वर्मा, तहसीलदार (यूटी) शिखा गर्ग, डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर जसविंदर सिंह, एसडीओ एग्रीकल्चर डॉ. दीपक यादव, नायब तहसीलदार रवि कुमार, फायर ऑफिसर सज्जन सांगवान के साथ पूरा प्रशासनिक अमला खेतों में मौजूद रहा। इसके बाद एसडीएम रविन्द्र कुमार ने सभी अधिकारियों की अपने कार्यालय में बैठक ली और उनको उचित दिशा निर्देश दिए।
इस बार भी राजस्थान से ही एंट्री, सिर्फ दिशा बदली
जिले में चार दिन के अंदर ही टिड्डी दल ने दूसरी बार प्रवेश किया है। इससे पहले 26 जून को भी टिड्डी दल पाकिस्तान से राजस्थान के ही रास्ते महेंद्रगढ़ जिला होते हुए प्रवेश कर गया था। जाटूसाना ब्लॉक के 12 गांवों में इन्होंने रात को डेरा जमाया। प्रशासन ने रातभर स्प्रे ऑपरेशन चलाकर उस समय 30 % टिडि्डयां खत्म की थी। इस बार भी टिडि्डयां राजस्थान से ही आई।
टिड्डी दल ने हथीन मेवात से होते हुए राजस्थान के टपूकड़ा के रास्ते बावल क्षेत्र के गांव झाबुआ की ओर से प्रवेश किया। जो कि गांव प्राणपुरा, दुलहेड़ा कलां, नागंल शहबाजपुर, सुबासेड़ी होते हुए करीब पौने 3 बजे वापस राजस्थान की सीमा में प्रवेश कर गया। टिड्डी दल की सूचना के साथ अलर्ट मोड पर आए प्रशासन की टीमें और किसान खेतों में निकल पड़े।
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