पद्मश्री अवाॅर्डी ग्राम सचिव नरेंद्र सिंह पर भ्रष्टाचार का एक और आरोप लगा है। बतौर ग्राम सचिव नरेंद्र सिंह ने काकोदा पंचायत में डिवेलपमेंट वर्क पूरा किए बिना ही खाते से 44 लाख रुपए निकाल लिए। इसमें सरपंच शलेंद्र भी शामिल थे। गांव में एक करोड़ के डिवेलपमेंट वर्क चल रहे थे। ब्लॉक डिवेलपमेंट पंचायत ऑफिसर (बीडीपीओ) की जांच में दोनों दोषी पाए गए हैं।
बीडीपीओ ने डीसी को दोनों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। गांव के ही एक व्यक्ति ने डिवेलपमेंट वर्क वेलकम गेट, स्टेडियम की चारदीवारी, मनरेगा स्कीम से रास्ते का निर्माण, फिरनी का निर्माण सहित अन्य काम में धांधली की शिकायत की। बीडीपीओ ने जेई विनोद कुमार और ग्राम सचिव से इस बारे में रिपोर्ट मांगी। इस पर जेई ने लिखित में रिपोर्ट दी कि डिवेलपमेंट वर्क संबंधी बिल का वेरीफिकेशन नहीं कराया गया।
दोनों आरोपियों ने पंचायत को पहुंचाया नुकसान
बीडीपीओ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ग्राम सचिव और सरपंच ने डिवेलपमेंट वर्क पूरा किए बिना ही पंचायत के खाते से 44 लाख रुपए निकाल लिए। दोनों ने पंचायत को नुकसान पहुंचाया है। इसलिए दोनों के खिलाफ हरियाणा पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए।
हड़ताड़ी व मांडी में भी दोषी पाए गए थे ग्राम सचिव
डिवेलपमेंट वर्क पूरा किए बिना ही हड़ताड़ी ग्राम पंचायत के खाते से 1.51 करोड़ रुपए और मांडी पंचायत से 24.28 लाख निकाले के मामले में तत्कालीन ग्राम सचिव नरेंद्र सिंह बीडीपीओ की जांच में दोषी पाए गए थे। इसमें हड़ताड़ी और मांडी के सरपंच भी शामिल थे। अब एक्सईएन पंचायती राज जांच कर रहे हैं।
काम पूरे हो चुके हैं, असेसमेंट बाकी है : नरेंद्र
नरेंद्र सिंह, तत्कालीन ग्राम सचिव ने कहा कि काम पूरे हो चुके हैं, असेसमेंट नहीं हुआ है। लॉकडाउन की वजह से काम प्रभावित हुए। जो पैसे पंचायत के खाते से निकाले गए, काम के एवज में वह पैसे फर्म को दिए गए हैं। कोई गड़बड़ी नहीं की है।
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