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गोहाना के बुटाना पुलिस चौकी से गश्त पर निकले एसपीओ कप्तान व सिपाही रवींद्र से बदमाशों का शराब पीने को लेकर विवाद हुआ था। बताया गया कि बदमाश रास्ते में शराब पी रहे थे। टोकने पर विवाद हुआडंडा लेकर निकले दोनों सिपाहियों ने धारदार हथियारों से लैस बदमाशों से बहादुरी से संघर्ष किया। पुलिस को मौके से शराब की बोतले भी मिली है। सिपाही रवींद्र के दाएं हाथ पर एक गाड़ी का नंबर लिखा मिला है। यह नंबर हरियाणा का ही है।
कप्तान और रविंद्र बुटाना चौकी में करीब डेढ वर्ष से कार्यरत थे। मौके पर पहुंचे डीजीपी मनोज यादव के आदेश पर हत्यारों की तलाश के लिए 8 टीमें गठित की गई। शाम तक पुलिस जींद के रोहतक रोड स्थित भगवान नगर से बदमाशों दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया और एक बदमाश अमित को मार गिराया। इसमें चार पुलिस कर्मी भी घायल हो गए। ये बदमाश पहले से ही अपराधी हैं।
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एसपी जश्नदीप सिंह रंधावा ने बताया कि एसपीओ व सिपाही ने शराब पी रहे अमित व इसके साथियों को देख लिया था। दोनों ने आरोपियों को शराब पीने से मना किया तो बदमाशों ने तेजधार हथियार से हत्या कर दी। देर शाम पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी को लेकर रेड की। तभी आरोपियों ने पुलिस पर हमला कर दिया। पुलिस ने भी बचाव में गोली चलाई, जिसमें आरोपी अमित की मौत हो गई। जबकि संदीप को पकड़ लिया गया। आरोपी अमित जो मारा गया, यह अपराधी था।
पुलिस चौकी से मात्र 800 मीटर दूर वारदात
वारदात बुटाना पुलिस चौकी से 800 मीटर दूर हुई। आरोपियों ने एसपीओ कप्तान की छाती, गर्दन, सिर पर वार किए। जबकि सिपाही रविंद्र की गर्दन व सिर पर वार कर रखे हैं। दोनों के शव एक दूसरे से 20 कदम दूर पड़े थे। एसपीओ का शव पीठ के बल तो सिपाही का शव सीधे मुंह पड़ा था।
4 घंटे पहले एसपीओ ने बेटे से बात की थी
एसपीओ कप्तान के बेटे अंकित गांव कलावती सफीदों ने बताया उसके पापा पहले औद्योगिक सुरक्षा बल में थे। 25 जुलाई 2017 एसपीओ के पद पर नियुक्त हुए। पिता ने सोमवार रात फोन पर उसे कहा था कि वह मंगलवार को घर आएंगे। अंकित ने बताया पिता ने खेत में सिंचाई करने की बात भी कही थी। परिजनों ने बताया कप्तान इकलौता पुत्र था। उसकी चार बहनें हैं। अंकित भी कप्तान की इकलौती संतान है।
सिपाही का पिता बेटे के शव को देख चीख पड़ा : सिपाही रविंद्र के पिता भीम सिंह बुढ़ा खेड़ा सफीदों जींद ने बताया वह इकलौता पुत्र था। उसकी दो बहनें हैं। रविंद्र की शादी अभी नहीं हुई थी। उस पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी। यह कहकर भीम सिंह चीख पड़ा।
पुलिस के हाथ बस यह एक सबूत
- सिपाही रवींद्र का खून जहां पड़ा था, वहां से हत्यारों ने गाड़ी निकाली। गाड़ी के टायर खून से सन गए। खून से सने टायर के निशान छोटी कार के हैं। यह गाड़ी आरोपियों ने गोहाना शहर की तरफ मोड़ रखी है।
- हरियाली सेंटर के बंद गेट के सामने एक कोल्ड ड्रिंक डयू की बोतल, पानी की बोतल व दो शराब की बोतल ब्लंडर प्राइज के रैपर मिले हैं।
- एसपीओ कप्तान का मोबाइल हाथ में मिला है। शायद वह फोन से किसी को सूचना देना चाह रहा था, लेकिन सिपाही रवींद्र का मोबाइल नहीं मिला।
- रविंद्र ने अपने हाथ पर एक गाड़ी का नंबर लिख रखा था, वह गाड़ी हरियाणा की थी, यह गाड़ी बदमाशों की हो सकती है।
इसलिए पड़े कमजोर : गश्त के दौरान नहीं थे हथियार
दोनों की बदमाशों से झड़प होने के निशान भी मिले हैं। लेकिन डंडे के दम पर पुलिस कर्मी बदमाशों का मुकाबला नहीं कर पाए। रात के समय गश्त के दौरान पुलिस कर्मियों के पास हथियार नहीं था। रविंद्र के शव के पास एक डंडा पड़ा था। पुलिस अधिकारियों का कहना है की सामान्य गश्त के दौरान पुलिस कर्मियों को हथियारों की आवश्यकता नहीं होती है।
कांस्टेबल का मोबाइल भी नहीं मिला, नंबर के आधार पर निकाली लोकेशन
सूत्रों के अनुसार कांस्टेबल रविंद्र ने अपने हाथ पर एक गाड़ी का नंबर लिख रखा था। रविंद्र का मोबाइल भी नहीं था। पुलिस ने घटना स्थल पर वारदात के समय एक्टिव फोन नंबरों को ट्रेस किया तो लोकेशन जींद में मिली। सोनीपत साइबर व सीआईए-2 की टीम को जींद के रोहतक रोड स्थित भगवान नगर में एक मकान में छिपे चार बदमाशों की लोकेशन मिली। टीम ने घेराबंदी की तो बदमाशों ने चाकू व हथियारों से हमला कर दिया।
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पुलिस को बचाव में फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान पुलिस की गोली से जींद के भिवानी रोड निवासी अमित की मौत हो गई। जींद के बीबीपुर निवासी संदीप व एक अन्य को पकड़ लिया। जबकि विकास भाग निकला। इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर प्रशांत व अनिल, एसआई मंदीप व सिपाही राजेश घायल हो गए। इनको सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इंस्पेक्टर अनिल की गंभीर हालत को देख उन्हें रोहतक पीजीआई रेफर किया गया है। गिरफ्तार बदमाशों से पूछताछ की जा रही है।
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