कतिया समाज की बैठक में निर्णय...
वीर भानाजी जयंती पर प्रदेश के हर जिले व हर गांव के लोगों को देंगे न्यौता
29 जनवरी को होगा प्रतिभा सम्मान समारोह,सामूिहक विवाह सम्मेलन के लिए बनी समिति
हरदा। कतिया समाज द्वारा वीर भानाजी जयंती बसंत पंचमी पर सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस दौरान समाज की प्रतिभाओं का सम्मान होगा। साथ ही वरिष्ठजनों का भी सम्मान किया जाएगा। इस आयोजन में मप्र के हर जिले और जिले के हर गांव कम से कम एक-एक व्यक्ति जरूर शामिल हो,इसके लिए भी हर संभव प्रयास किए जाएंगे। यह निर्णय रविवार को पंढरीनाथ मंदिर में हुई बैठक में लिया गया। बसंत पंचमी पर ही समाज के आराध्य वीर भाना जी की जयंती मनाने के लिए समिति मनोनीत की गई।वीर भाना जी जयंती आयोजन समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष फूलचंद चौरे ने कहा कि सामाजिक एकता के लिए यह जरूरी है कि जयंती उत्सव में प्रदेश के हर जिले व जिले के हर गांव से समाज की उपस्थिति सुनिश्चित हो सके। इसके लिए समिति के सदस्य और पदाधिकारी जल्द ही इस पर कारगार रणनीति बनाएं,जिससे सभी लोग सारे काम छोड़कर इसे प्राथमिकता में रखें।
कन्यादान योजना के अंर्तगत होने वाले विवाह आयोजन समिति के संयोजक हुकुम बिल्लोरे ने कहा कि महंगाई तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में हम सभी मिलकर सामूहिक विवाह सम्मेलन के माध्यम से बड़ा और यादगार सम्मेलन कर सकते हैं। इसके लिए सभी से सोशल मीडिया व व्यक्तिगत रुप से संपर्क कर प्रेरित करने की जरूरत है।
अनिल भवरे ने कहा कि सामाजिक लोगों में स्वजातीय स्वाभिमान,बंधुत्व के भाव व आपसी एकता की अनिवार्यता भाव पैदा करना जरूरी है। इसके लिए समाज के सॅस्कृतिक पुरोधा वीर भानाजी का इतिहास समझने व प्रत्येक सामाजिक बंधु को समझाने की आवयश्क्ता है। वीर भानाजी जिन्होंने विषम परिस्थितियों में भी अपने स्वधर्म और कर्म को नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि आज भी समाज में ऐसे कई वरिष्ठजन हैं,जिन्हें आदर्श बनाकर हम अपनी संस्कृति व सामाजिक एकता को बचा सकते हैं। गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी समाज के प्रतिभाओं व वरिष्ठ जनों को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में विवाह समिति कोषाध्यक्ष एम के भंवरे, श्री राम जानकी मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष भारत सिंह सेजकर,विवाह आयोजन समिति के प्रचार मंत्री कमलेश बिल्लोरे,राकेश भैंसारे, अर्जुन हुरमाले,अजय मंडलेकर,उमाशंकर चावडा,पूनमचंद ढोके,रामाधार गंगाधर चौरे इटारसी, राम अवतार चावड़ा, नाथूराम जी, पूनमचंद ढोके,रामस्वरूप लखोरे, संजय ढोके, महेश काजवे, हेमराज दमाडे,रामनारायण पारे, हरिप्रसाद जी,अमित बील्लोरे,अकलश बिल्लोरे सहित सामाजिक बंधु मौजूद रहे।
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