महामानव शहीद बिरसा मुंडा जयंती
महान देशभक्त बिरसा मुंडा भारतीय इतिहास में एक ऐसे नायक थे जिन्होंने भारत के झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से उन्नीसवीं शताब्दी में आदिवासी समाज की दिशा और दशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया। काले कानूनों को चुनौती देकर बर्बर ब्रिटिश साम्राज्य को सांसत में डाल दिया।
झारखंड के आदिवासी दम्पति सुगना और करमी के घर जन्मे बिरसा मुंडा ने साहस की स्याही से पुरुषार्थ के पृष्ठों पर शौर्य की शब्दावली रची। उन्होंने हिन्दू धर्म और ईसाई धर्म का बारीकी से अध्ययन किया तथा इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि आदिवासी समाज मिशनरियों से तो भ्रमित है ही हिन्दू धर्म को भी ठीक से न तो समझ पा रहा हैए न ग्रहण कर पा रहा है।
महामानव शहीद बिरसा मुंडा जी का जन्म 15 नवंबरए 1875 में उलिहातुएझारखण्ड में हुआ था एवं 9 जूनए1900 में उनकी जेल में ही मृत्यु हो गई । अपने ने महसूस किया कि आचरण के धरातल पर आदिवासी समाज अंधविश्वासों की आंधियों में तिनके.सा उड़ रहा है तथा आस्था के मामले में भटका हुआ है। उन्होंने यह भी अनुभव किया कि सामाजिक कुरीतियों के कोहरे ने आदिवासी समाज को ज्ञान के प्रकाश से वंचित कर दिया है। धर्म के बिंदु पर आदिवासी कभी मिशनरियों के प्रलोभन में आ जाते हैंए तो कभी ढकोसलों को ही ईश्वर मान लेते हैं।
अपने युवास्था एवं अल्प जीवन काल में ही महामानव बिरसा जी द्वारा सुदखोरीएजमींदारी प्रथा एवं अंग्रेजों द्वारा स्थानीय लोगों पर किए जा रहे अन्याय.अत्याचार. दमन.शोषण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते हुए आजादी के आंदोलन में अपना महत्वपूर्ण योगदान अदा करने के साथ ही आदिवासियों के हित में जमीन संबंधी महत्वपूर्ण कानून बनवाने में अपना अहम योगदान दिया ।
महामानव बिरसा मुण्डा जी की जयंती के शुभ अवसर पर देश के सभी कार्यकर्ताओं से निवेदन है कि वह गांवए तहसील व जिला स्तर पर रैलीएसभा व संगोष्ठी के रुप में इसे मनायें एवं उनके द्वारा अपने अल्प जीवन काल में किए गए कार्य के बारे में लोगों को अवगत करवाएं तथा उनकी विचारधारा को लेकर चलने की शपथ लेवें ।
जिन जिन राज्यों में बिरसा मुंडा जी की जयंती के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश नहीं है एवहां के मजदुर.किसान व अन्य व्यवसाय से जुड़े हुए लोग एक दिन अपने सारे काम बंद करके तथा विद्यार्थी व शासकीय सेवक एक दिवस का अवकाश लेकर महामानव बिरसा मुंडा जी की जयंती समारोह में शामिल होना सुनिश्चित करें ।
मध्य प्रदेश राज्य में आदिवासी समाज के सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं के सामुहिक प्रयासों से शासन द्वारा 15 नवंबर को महामानव शहीद बिरसा मुंडा जी की जयंती के अवसर पर ष्ऐच्छिक अवकाशष् की घोषणा की गई है । अतः मध्य प्रदेश के समस्त शासकीय सेवक ष्ऐच्छिक अवकाशष् लेकर बिरसा मुंडा जी जयंती समारोह में शामिल होना सुनिश्चित करे और जो साथी ऐसा नहीं कर पा रहे हैं वह अपने.अपने कार्य स्थल या कार्यालय में एक दूसरे तथा कार्यालय प्रमुखों को बिरसा मुंडा जयंती की शुभकामनाएं ज्ञापित करें । इससे बिरसा मुंडा जी की विचारधारा का प्रचार प्रसार होगा ।
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