संकट से गुजर रहा है पुश्तैनी धंधा,अन्य कारोबार की ओर बढ़ा युवा पीढ़ी का रुझान
Type Here to Get Search Results !

संकट से गुजर रहा है पुश्तैनी धंधा,अन्य कारोबार की ओर बढ़ा युवा पीढ़ी का रुझान

बंधी आस - प्रधानमंत्री ने कहा है,तो बिक ही जाएंगे मिट्टी के दीये!

संकट से गुजर रहा है पुश्तैनी धंधा,अन्य कारोबार की ओर बढ़ा युवा पीढ़ी का रुझान

 


विश्वामित्र सोशल वैलफेयर सोसायटी लोगों को मिट्टी के दीपक ही उपयोग में लाने के लिए कर रहे हैं जागरुक ।

अनिल भवरे  मंडीदीप। 

                               दीए बनाने वालों को उम्मीद जागी है कि इस साल दीवाली पर दीयो का अच्छा कारोबार होगा। लोगों का रूझान आर्टिफिशियल दीयों से हट कर मिट्टी के दीयों की ओर होगा। पीएम मोदी ने मिट्टी के दिए जलाने की अपील लोगों से की है। इसी आस में वे जोर शोर से दीए बनाने में जुट गए हैं। सतलापुर के बाबूलाल प्रजापति बताते चाइनीज लाइटों ने उनके कारोबार को काफी हद तक प्रभावित किया है। जिसके चलते कुम्हारों का पुश्तैनी धंधा मंदा पड़ गया है। उनके सामने रोजी रोटी तक का संकट खड़ा हो गया है। यही वजह है कि युवा पीढ़ी तो इस पुश्तैनी कारोबार को करने से गुरेज कर अन्य काम करने लगी है। यहीं के शेरसिंह प्रजापति का कहना है कि दरअसल यह परेशानी हाल के दिनों में हर कुम्हार को झेलना पड़ रही है। लालू प्रसाद ने रेल मंत्री रहते हुए रेल के अंदर कुल्हड़ का उपयोग करने का निर्देश दिया था कुछ दिनों तक कुम्हारों को काम खूब मिला लेकिन बाद के दिनों में कुल्हड़ की जगह फिर से प्लास्टिक के कपों ने ले ली। लेकिन अब प्रधानमत्री द्वारा सिंगल यूज्ड प्लास्टिक के साथ साथ इससे बने अन्य सामानों का भी कम से कम उपयेग करने को कहा है। इससे पुश्तैनी काम करने वाले कुम्हारों को मिटृटी के बने दिए कुल्हड सहित अन्य सामानों की खपत बडनें की उम्मीद बंध गई है। गोपाल प्रजापति कहते हैं कि दीपावली के मौसम में चीन निर्मित सस्ते लाइट्स ने मिट्टी दीपक के बाजार को खतरे में डाल दिया है। लोग अब तेल से दीपक जलाने के बजाय बिजली के सस्ते लाइट्स से घर सजाना ज्यादा पसंद करने लगे हैं। इससे कुम्हार समुदाय के लोगों के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। लेकिन अब हमारे पीएम ने लोगों से मिट्टी के दिए उपयोग करने की अपील की है तो इस साल खूब सारे दिए बिकेंगे। इसी उम्मींद के साथ दिए बनाए हैं। जिनकी बाजार में भी खूब मॉग हो रही है। इधर विश्वामित्र सोशल वैलफेयर सोसायटी के सचिव अनिल भवरे बताते हैं कि मिट्टी के दीपक उपयोग करने से हमारे भाईयों को रोजगार मिलेगा साथ ही साथ चीन निर्मित आर्टीशिफियल दीयों का बहिष्कार करने से हमारे देश का पैसा देश में ही रहेगा। इसके लिए हम लोगों को मिट्टी के दीपक ही उपयोग में लाने के लिए जागरुक कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के साथ हमारी अपील भी रंग लाती दिख रही है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Bhopal

4/lgrid/Bhopal
----------------NEWS Footer-------------------------------- --------------------------------CSS-------------------------- -----------------------------------------------------------------