मंदसौर। नेतृत्व जितना जुझारू और ऊर्जावान होगा लक्ष्य के प्रति समर्पित होकर आगे बढ़ेगा सफलता उसके चरण चूमेगी। उक्त विचार राष्ट्रसंत श्री कमलमुनि कमलेश ने जैन दिवाकर प्रवचन हाल मैं व्यक्त किए। संतश्री ने कहा कि सामान्य व्यक्ति लापरवाही करता है तो अपना ही नुकसान करता है, लेकिन नेतृत्व करने वाला यदि लापरवाही करता है विलासिता डूब कर मान सम्मान में अटक जाता है तो इसका खामियाजा पूरे समाज और देश को भोगना पड़ता है।
संतश्री ने कहा कि नेतृत्व की भूख और वर्चस्व की लड़ाई में समय और शक्ति ही नहीं पैसा भी बर्बाद होता है साथ ही लक्ष्य में व्यवधान पैदा करने का पाप भी कमाते हैं।
मुनि श्री कमलेश ने बताया कि एक नेतृत्व नीव के पत्थर की तरह होता है। स्वयं मिटकर मिशन को सफल बनाता है। दूसरा अमरबेल जैसा होता है। खुद बनने के लिए सब को मिटा देता है। हम अमरबेल की भांति नहीं नींव के पत्थर की तरह अपने को प्रस्तुत करें।
राष्ट्रसंतश्री ने कहा कि अपने मानअपमान की परवाह न करते हुए लक्ष्य को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए सर्वस्व न्योछावर कर देता है वह धरती पर देवता के समान है। पुराने अनुभवी लोगों पर ये ज़िम्मेदारी है कि वो युवा पीढ़ी को तैयार कर उनका नेतृत्व करें। ये पद और सत्ता का मोह त्यागकर ही संभव है।
अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली ने 18 राज्यों में सभी धर्म जाति संप्रदाय के लोगों में समन्वय स्थापित करके शासन प्रशासन की योजनाओं का लाभ जनता को कैसे मिले इस पर काम को कर रहा है। इस हेतु समर्पित है।
संतश्री ने कहा कि नेतृत्व की भूख और वर्चस्व की लड़ाई में समय और शक्ति ही नहीं पैसा भी बर्बाद होता है साथ ही लक्ष्य में व्यवधान पैदा करने का पाप भी कमाते हैं।
मुनि श्री कमलेश ने बताया कि एक नेतृत्व नीव के पत्थर की तरह होता है। स्वयं मिटकर मिशन को सफल बनाता है। दूसरा अमरबेल जैसा होता है। खुद बनने के लिए सब को मिटा देता है। हम अमरबेल की भांति नहीं नींव के पत्थर की तरह अपने को प्रस्तुत करें।
राष्ट्रसंतश्री ने कहा कि अपने मानअपमान की परवाह न करते हुए लक्ष्य को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए सर्वस्व न्योछावर कर देता है वह धरती पर देवता के समान है। पुराने अनुभवी लोगों पर ये ज़िम्मेदारी है कि वो युवा पीढ़ी को तैयार कर उनका नेतृत्व करें। ये पद और सत्ता का मोह त्यागकर ही संभव है।
अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली ने 18 राज्यों में सभी धर्म जाति संप्रदाय के लोगों में समन्वय स्थापित करके शासन प्रशासन की योजनाओं का लाभ जनता को कैसे मिले इस पर काम को कर रहा है। इस हेतु समर्पित है।
3 सितंबर को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर के 51 सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल दिवाकर मंच का मंदसौर में मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु उपस्थित हो रहा है। इसमें देश के आईपीएस, आईएएस, मंत्री, विधायक, सीए एवं अन्य प्रबुद्धजीवी भी शामिल है
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