प्रारम्भिक रूप से जिले की 38 पीएचसी में व्यवस्था होगी लागू
खरगोन - जिले के 38 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टेलीमेडिसिन या टेलिकम्युनिकेशन से
इलाज का नया अध्याय शुरू होगा। यह सुविधा चिकित्सा जगत में एक अद्भुत परिणाम
लाने में समर्थ है। चिकित्सा जगत में आज इस नवीन तकनीक के सहारे विदेशों के
चिकित्सकों से जुड़कर इलाज लिया जाने लगा है। हमारे जिले के संदर्भ में यह तकनीक
काफी कारगर साबित हो सकती है। प्रारम्भिक तौर पर जिले के 38 प्राथमिक स्वास्थ्य
केंद्रों
पर यह सुविधा प्रारम्भ हुई है। यह सुविधा भीकनगांव, खरगोन, गोगांवा, भगवानपुरा, बड़वाह
और महेश्वर जनपद की 5-5, कसरावद में 4, झिरन्या में 3 और सेंगाव की 1 पीएचसी को
इस सुविधा से जोड़ा गया है। जिले में इस व्यवस्था की तैयारी अभी अंतिम चरण में है।
जिले में नेटवर्क की समस्या से मुक्ति के लिए अभी कार्य चल रहा है।
आवश्यक होने पर कोलकाता हब के डॉक्टर देंगे सुझाव
अब तक कोई बीमार व्यक्ति जब स्वास्थ्य केन्द्र आता है और ओपीडी की पर्ची कटवाने के
बाद डॉक्टर से परामर्श कर इलाज लेता है। डॉक्टर गंभीर बीमार या स्थानीय स्तर पर
इलाज के अभाव में सीएचसी या जिला अस्पताल के लिए रेफर कर देता है। लेकिन अब
इस प्रक्रिया में ऐसी स्थिति आने पर जिला अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक या कोलकाता
में स्थापित हब पर मौजूद चिकित्सक से जांच कर परामर्श किया जाएगा। चिकित्सक
ऑनलाइन देखने के बाद जांच के लिए या ट्रीटमेंट के लिए आवश्यक सुझाव या उपचार
बताएंगे। ऑनलाईन फोटो वीडियो भी भेजे जा सकते हैं। जिन्हें देखकर उपचार में उपयोग
लाया जाएगा। डीपीएम मनीष भद्रवाले ने जानकारी देते हुए बताया कि कोलकाता के डॉक्टर
जिला अस्पताल में उपलब्ध दवाइयां ही प्रिस्क्राइब करेंगे। जहां तक जांच की बात है तो
जिला अस्पताल में भी जांच कर रिपोर्ट सम्बंधित डॉक्टर को भेजी जाएगी। मप्र शासन द्वारा
प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर 45 प्रकार की जांचे और 299 प्रकारी की आवश्यक
दवाईयां निशुल्क उपलब्ध है।
ऐसे मिलेगी यह सुविधा
मप्र शासन ने इस कार्य के लिए पवनश्री फ़ूड इंटरनेशनल प्रा.लि. इंदौर के साथ
निविदानुसार अनुबंद किया है। इस पूरी प्रक्रिया में इनका कार्यदायित्व और भूमिका
निर्धारित की गई है। अनुबंद के अनुसार चिन्हित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लैब
टेक्नीशियन और एचआर एक्जिक्यूटिव उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा इन्हीं के
द्वारा पीएचसी पर आवश्यक उपकरण के साथ इंटरनेट की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी।
साथ ही इस पूरी तकनीक का प्रशिक्षण भी दिया गया है। पवनश्री के डॉ. संजय पटेल ने
बताया कि इस तकनीक के माध्यम से एम्स के डॉक्टरों से भी टेलीमेडिसिन के माध्यम से
ईलाज किया जा सकता है।
Please do not enter any spam link in the comment box.