विदिशा - कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने जिले के सभी विभागों के जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारियों से समीक्षा बैठक में कहा है कि प्राकृतिक आपदा को अवसरों में परिवर्तित कर हम सब मिलकर बाढ़ से प्रभावित नागरिकों को तत्काल सहायता एव विकास कार्यों को युद्ध गति से पूरा कराएं।
कलेक्टर श्री भार्गव गुरूवार को नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में अतिवृष्टि व बाढ़ के कारण विभागवार हुए नुकसानों के संकलित डाटा की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में समस्त विभागों के जिलाधिकारी मौजूद रहे वहीं खण्ड स्तरीय अधिकारी व्हीसी के माध्यम से जुड़े हुए थे।
कलेक्टर श्री भार्गव ने विभागवार कार्यों की समीक्षा कर उन सबसे कहा कि वे बेहतर से बेहतर समयावधि में कार्यों का संपादन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा ली गई समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी विभाग के द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कार्यों के संपादन में कोताही ना बरती जाए। प्रत्येक विभाग के पीएस स्तर के अधिकारी स्वयं जिले का भ्रमण कर विभागीय कार्यों की समीक्षा ही नहीं करेंगे बल्कि नुकसान क्षेत्र स्थलों का जायजा भी लेंगे।
कलेक्टर श्री भार्गव ने बताया कि आगामी एक सप्ताह बाद मुख्यमंत्री जी द्वारा विदिशा जिला मुख्यालय पर बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की जाएगी। जिसमें संबंधित विभागों के पीएस स्तर के भी अधिकारी मौजूद रहेंगे।
कलेक्टर श्री भार्गव के द्वारा आज समीक्षा बैठक में सभी विभागों के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे विभागीय कार्यों में किसी भी प्रकार से पिछड़ें ना, बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में विशेष रूचि लेकर कार्यों का संपादन कराना सुनिश्चित करें। जिन कार्यों के कराने में कहीं कोई दिक्कत आती है तो अबिलंव जिला प्रशासन के संज्ञान में लाएं ताकि संबंधित विभाग के पीएस की जानकारी में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग को कार्यों के संपादन में बजट का आभाव नहीं होने दिया जाएगा। कुल मिलाकर हम सबका यही उद्देश्य है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पूर्वानुसार आम दिनचर्या अनुसार कार्य संपादित होते रहें।
कलेक्टर श्री भार्गव ने कहा कि ऐसे पुल-पुलिया जो बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए हैं का मरम्मत कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से कराया जाए। मरम्मत कार्य के दौरान वैकल्पित मार्ग भी चिन्हित किया जाए ताकि आवागमन किसी भी प्रकार से प्रभावित ना हो। उन्होंने ऐसे पुल-पुलिया जिन पर वर्षारूपी जल का बहाव हुआ है उन पर जमा होने वाली सिल्ट, कचरा की सफाई कराने के उपरांत संबंधित विभाग के द्वारा पुल, पुलियों का निरीक्षण किया जाए और आवागमन योग्य है कि के आशय की जानकारी संबंधित क्षेत्र के एसडीएम को अनिवार्य रूप से दी जाए। इसके बाद ही आवागमन प्रक्रिया की शुरूआत हो।
कलेक्टर श्री भार्गव ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के नागरिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाने पर बल देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक दवाओं की पूर्ति में कमी ना हो। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष स्वास्थ्य उपचार कैम्प आयोजित करने के निर्देश दिए। आयोजन के पूर्व तिथियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। स्वास्थ्य उपचार कैम्पों में महिला चिकित्सकों की उपस्थिति भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय में गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को रेफर किया जाए।
कलेक्टर श्री भार्गव ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के समस्त जल स्त्रोतों का शुद्धिकरण का कार्य तीव्र गति से पूरा कराया जाए। इस कार्य में उन्होंने निकाय क्षेत्र में नगर पालिका व ग्रामीण क्षेत्र में जनपदों की सीईओ की महती भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने अधीनस्थ अमले को इन कार्यों में संलग्न करने पर बल दिया है।
कलेक्टर श्री भार्गव ने उर्जा विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि बिजली की आपूर्ति बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बनी रहे इसके लिए आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित कराए जाएं। जिन क्षेत्रों के ट्रांसफार्मर पानी में डूबे हुए हैं उन क्षेत्रों में करंट ना फैले का विशेष ध्यान रखा जाए और बाढ़ का पानी उतरने के उपरांत विभाग के अधिकारी व इंजीनियर मुआयना जरूर करें। साथ ही इस बात का परीक्षण करें कि बिजली आपूर्ति के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय दुर्घटना घटित होने की संभावना नहीं है। बाढ़ से जिन क्षेत्रों के ट्रांसफार्मर डूबे हुए थे वे क्रियाशील हैं कि नहीं अवगत होने के उपरांत आवश्यकता के अनुसार ट्रांसफार्मरों की मांग वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराएं ताकि अबिलंव पूर्ति की प्रक्रिया क्रियान्वित की जा सके।
कलेक्टर श्री भार्गव ने जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी व नान के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी उचित मूल्य दुकानों में राशन का भण्डारण कार्य पूर्वा तिथियों के पांच दिवस के पहले कराया जाना सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को आरबीसी के प्रावधानों के तहत प्रत्येक परिवार को 50 किलो अनाज निशुल्क प्रदाय किया जाना है। अतः इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि हितग्राही जिस शासकीय उचित मूल्य दुकान से पहले खाद्यान्न उठा रहे थे उसी दुकान से ही बाढ़ पीड़ित खाद्यान्न उठाव कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।
कलेक्टर श्री भार्गव ने स्कूलों, आंगनबाड़ी के क्षतिग्रस्त भवनों में बच्चों को नहीं बैठाने के निर्देश दिए हैं उन्होंने निर्माण कार्यों की विभागों के अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि विभाग से संबंधित सड़क, पुल, पुलिया, भवनों की जानकारियों अधीनस्थ स्टॉफ से जानकारी प्राप्त करें, ताकि जो मरम्मत योग्य कार्य किए जाने हैं वे अबिलंव पूरे हों।
जिला पंचायत सीईओ डॉ योगेश भरसट ने ग्रामीण विकास विभाग के जनपद सीईओ सहित अन्य समस्त अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ से प्रभावित जिन कार्यों को कराया जाना है कि रिपोर्टिंग हर रोज की जाए। कार्य कराने के फोटोग्राफ, वीडियो अपलोड किए जाएं साथ ही कार्यों के संपादन हेतु आवश्यकता के अनुसार मांगपत्र तैयार कर अवगत कराएं ताकि उसकी पूर्ति अबिलंव की जा सके।
जिला पंचायत सीईओ श्री भरसट ने तालाबों के निरीक्षण, पुराने आवास टूट गए हैं तो उसकी सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि स्वीकृति प्राप्ति के उपरांत अबिलंव कार्यों को किया जा सके। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से संपादित किए जाने वाले निर्माण कार्यों जो बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए हैं को यथाशीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं।
जिला पंचायत सीईओ डॉ भरसट ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जो भी कार्य कराए जा रहे हैं उन क्षेत्रों के नव निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों का भी भ्रमण कराएं। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर शीघ्र ही दल गठित किए जा रहे हैं जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष सहित सदस्यों को शामिल किया जाएगा और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना कराया जाएगा।
नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में सम्पन्न हुई बैठक में तहसीलवार, जनपदवार, अतिवृष्टि व बाढ़ से हुई क्षति की जानकारी विभागवार प्राप्त की गई है। बैठक में अपर कलेक्टर श्री वृन्दावनसिंह ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आमजनों से सतत संपर्क बनाए रखें। बाढ़ प्रभावित नागरिकों की बातें धैर्यता से सुनते हुए उनके साथ मधुर व्यवहार करें। ऐसे मार्ग जिन पर अवागमन संभव नहीं है इसके लिए डायवर्ट मार्गों की भी जानकारी आमजनों को हो ताकि उनका अवागमन सुगमता से हो सके।
बैठक में कृषि विभाग, पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के अधिकारियों को भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष पहल करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सभी विभागों के खण्ड स्तरीय अधिकारी अपने अपने मुख्यालय पर निवासरत रहें की विशेष हिदायत दी गई है। निरीक्षण अथवा सूचनाओं पर यह ज्ञात हुआ कि अमुख विभाग का जिला अथवा खण्ड स्तरीय अधिकारी अपने मुख्यालय पर निवासरत नहीं है उनके खिलाफ निलंबन सहित कठोर कार्यवाही की जाएगी। बैठक में समस्त एसडीएम, तहसीलदार व विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी मौजूद रहे।
कलेक्टर श्री भार्गव गुरूवार को नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में अतिवृष्टि व बाढ़ के कारण विभागवार हुए नुकसानों के संकलित डाटा की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में समस्त विभागों के जिलाधिकारी मौजूद रहे वहीं खण्ड स्तरीय अधिकारी व्हीसी के माध्यम से जुड़े हुए थे।
कलेक्टर श्री भार्गव ने विभागवार कार्यों की समीक्षा कर उन सबसे कहा कि वे बेहतर से बेहतर समयावधि में कार्यों का संपादन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा ली गई समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी विभाग के द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कार्यों के संपादन में कोताही ना बरती जाए। प्रत्येक विभाग के पीएस स्तर के अधिकारी स्वयं जिले का भ्रमण कर विभागीय कार्यों की समीक्षा ही नहीं करेंगे बल्कि नुकसान क्षेत्र स्थलों का जायजा भी लेंगे।
कलेक्टर श्री भार्गव ने बताया कि आगामी एक सप्ताह बाद मुख्यमंत्री जी द्वारा विदिशा जिला मुख्यालय पर बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की जाएगी। जिसमें संबंधित विभागों के पीएस स्तर के भी अधिकारी मौजूद रहेंगे।
कलेक्टर श्री भार्गव के द्वारा आज समीक्षा बैठक में सभी विभागों के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे विभागीय कार्यों में किसी भी प्रकार से पिछड़ें ना, बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में विशेष रूचि लेकर कार्यों का संपादन कराना सुनिश्चित करें। जिन कार्यों के कराने में कहीं कोई दिक्कत आती है तो अबिलंव जिला प्रशासन के संज्ञान में लाएं ताकि संबंधित विभाग के पीएस की जानकारी में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग को कार्यों के संपादन में बजट का आभाव नहीं होने दिया जाएगा। कुल मिलाकर हम सबका यही उद्देश्य है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पूर्वानुसार आम दिनचर्या अनुसार कार्य संपादित होते रहें।
कलेक्टर श्री भार्गव ने कहा कि ऐसे पुल-पुलिया जो बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए हैं का मरम्मत कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से कराया जाए। मरम्मत कार्य के दौरान वैकल्पित मार्ग भी चिन्हित किया जाए ताकि आवागमन किसी भी प्रकार से प्रभावित ना हो। उन्होंने ऐसे पुल-पुलिया जिन पर वर्षारूपी जल का बहाव हुआ है उन पर जमा होने वाली सिल्ट, कचरा की सफाई कराने के उपरांत संबंधित विभाग के द्वारा पुल, पुलियों का निरीक्षण किया जाए और आवागमन योग्य है कि के आशय की जानकारी संबंधित क्षेत्र के एसडीएम को अनिवार्य रूप से दी जाए। इसके बाद ही आवागमन प्रक्रिया की शुरूआत हो।
कलेक्टर श्री भार्गव ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के नागरिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाने पर बल देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक दवाओं की पूर्ति में कमी ना हो। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष स्वास्थ्य उपचार कैम्प आयोजित करने के निर्देश दिए। आयोजन के पूर्व तिथियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। स्वास्थ्य उपचार कैम्पों में महिला चिकित्सकों की उपस्थिति भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय में गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को रेफर किया जाए।
कलेक्टर श्री भार्गव ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के समस्त जल स्त्रोतों का शुद्धिकरण का कार्य तीव्र गति से पूरा कराया जाए। इस कार्य में उन्होंने निकाय क्षेत्र में नगर पालिका व ग्रामीण क्षेत्र में जनपदों की सीईओ की महती भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने अधीनस्थ अमले को इन कार्यों में संलग्न करने पर बल दिया है।
कलेक्टर श्री भार्गव ने उर्जा विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि बिजली की आपूर्ति बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बनी रहे इसके लिए आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित कराए जाएं। जिन क्षेत्रों के ट्रांसफार्मर पानी में डूबे हुए हैं उन क्षेत्रों में करंट ना फैले का विशेष ध्यान रखा जाए और बाढ़ का पानी उतरने के उपरांत विभाग के अधिकारी व इंजीनियर मुआयना जरूर करें। साथ ही इस बात का परीक्षण करें कि बिजली आपूर्ति के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय दुर्घटना घटित होने की संभावना नहीं है। बाढ़ से जिन क्षेत्रों के ट्रांसफार्मर डूबे हुए थे वे क्रियाशील हैं कि नहीं अवगत होने के उपरांत आवश्यकता के अनुसार ट्रांसफार्मरों की मांग वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराएं ताकि अबिलंव पूर्ति की प्रक्रिया क्रियान्वित की जा सके।
कलेक्टर श्री भार्गव ने जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी व नान के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी उचित मूल्य दुकानों में राशन का भण्डारण कार्य पूर्वा तिथियों के पांच दिवस के पहले कराया जाना सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को आरबीसी के प्रावधानों के तहत प्रत्येक परिवार को 50 किलो अनाज निशुल्क प्रदाय किया जाना है। अतः इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि हितग्राही जिस शासकीय उचित मूल्य दुकान से पहले खाद्यान्न उठा रहे थे उसी दुकान से ही बाढ़ पीड़ित खाद्यान्न उठाव कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।
कलेक्टर श्री भार्गव ने स्कूलों, आंगनबाड़ी के क्षतिग्रस्त भवनों में बच्चों को नहीं बैठाने के निर्देश दिए हैं उन्होंने निर्माण कार्यों की विभागों के अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि विभाग से संबंधित सड़क, पुल, पुलिया, भवनों की जानकारियों अधीनस्थ स्टॉफ से जानकारी प्राप्त करें, ताकि जो मरम्मत योग्य कार्य किए जाने हैं वे अबिलंव पूरे हों।
जिला पंचायत सीईओ डॉ योगेश भरसट ने ग्रामीण विकास विभाग के जनपद सीईओ सहित अन्य समस्त अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ से प्रभावित जिन कार्यों को कराया जाना है कि रिपोर्टिंग हर रोज की जाए। कार्य कराने के फोटोग्राफ, वीडियो अपलोड किए जाएं साथ ही कार्यों के संपादन हेतु आवश्यकता के अनुसार मांगपत्र तैयार कर अवगत कराएं ताकि उसकी पूर्ति अबिलंव की जा सके।
जिला पंचायत सीईओ श्री भरसट ने तालाबों के निरीक्षण, पुराने आवास टूट गए हैं तो उसकी सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि स्वीकृति प्राप्ति के उपरांत अबिलंव कार्यों को किया जा सके। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से संपादित किए जाने वाले निर्माण कार्यों जो बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए हैं को यथाशीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं।
जिला पंचायत सीईओ डॉ भरसट ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जो भी कार्य कराए जा रहे हैं उन क्षेत्रों के नव निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों का भी भ्रमण कराएं। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर शीघ्र ही दल गठित किए जा रहे हैं जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष सहित सदस्यों को शामिल किया जाएगा और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना कराया जाएगा।
नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में सम्पन्न हुई बैठक में तहसीलवार, जनपदवार, अतिवृष्टि व बाढ़ से हुई क्षति की जानकारी विभागवार प्राप्त की गई है। बैठक में अपर कलेक्टर श्री वृन्दावनसिंह ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आमजनों से सतत संपर्क बनाए रखें। बाढ़ प्रभावित नागरिकों की बातें धैर्यता से सुनते हुए उनके साथ मधुर व्यवहार करें। ऐसे मार्ग जिन पर अवागमन संभव नहीं है इसके लिए डायवर्ट मार्गों की भी जानकारी आमजनों को हो ताकि उनका अवागमन सुगमता से हो सके।
बैठक में कृषि विभाग, पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के अधिकारियों को भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष पहल करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सभी विभागों के खण्ड स्तरीय अधिकारी अपने अपने मुख्यालय पर निवासरत रहें की विशेष हिदायत दी गई है। निरीक्षण अथवा सूचनाओं पर यह ज्ञात हुआ कि अमुख विभाग का जिला अथवा खण्ड स्तरीय अधिकारी अपने मुख्यालय पर निवासरत नहीं है उनके खिलाफ निलंबन सहित कठोर कार्यवाही की जाएगी। बैठक में समस्त एसडीएम, तहसीलदार व विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी मौजूद रहे।
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