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कोलकाता । पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के पूर्व मंत्री और कभी ममता के बेहद करीबी रहे पार्थ चटर्जी की लगातार मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दरअसल, पार्थ चटर्जी की करीबी मॉडल और अभिनेत्री अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से प्रवर्तन निदेशालय ने अब तक 55 करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद किए हैं। इसके अलावा भारी मात्रा में जेवरात भी बरामद की गई हैं। पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार कर लिया गया था। दावा किया जा रहा है कि जब यह कथित घोटाला हुआ था, तब पार्थ चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे। शुक्रवार को उन्होंने इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए दावा किया कि उनके विरुद्ध साजिश हो रही है। उन्होंने खुद को साजिश का शिकार बताया है। उन्होंने यह कहा कि समय बताएगा कि तृणमूल कांग्रेस ने उनके विरुद्ध जो कार्रवाई की वह उचित थी या नहीं।
बता दें कि पार्थ चटर्जी को पिछले हफ्ते ही ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था शुक्रवार को उन्हें चिकित्सीय परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाया गया था। तभी उन्होंने यह बातें कहीं हैं। बता दें कि पार्थ चटर्जी के खिलाफ ईडी की हो रही कार्रवाई से ममता सरकार भी बैकफुट पर है। तृणमूल कांग्रेस की ओर से अब तक इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को घेर नहीं जा रहा है। वहीं, ममता बनर्जी ने भी पार्थ चटर्जी को सभी मंत्रालयों से बर्खास्त कर दिया था। गिरफ्तारी से पहले चटर्जी के पास औद्योगिक और संसदीय मामलों का विभाग था। तृणमूल कांग्रेस ने इस बात को भी साफ कर दिया है कि पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी का पार्टी से कोई संबंध नहीं है। टीएमसी के गिरफ्तार नेता पार्थ चटर्जी स्कूल भर्ती घोटाले की जांच पूरी होने तक निलंबित रहने वाले हैं। बनर्जी ने कहा कि चटर्जी को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया है। बनर्जी ने पार्टी की अनुशासन समिति की बैठक के बाद यह भी कहा कि चटर्जी के निर्दोष साबित होने पर ही टीएमसी के दरवाजे उनके लिए खुले है। चटर्जी लगभग दो दशकों तक टीएमसी के महासचिव रहे और इस साल की शुरुआत में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। बनर्जी ने कहा कि पार्थ चटर्जी को पार्टी के सभी पदों से हटाने का फैसला किया गया है। जब तक जांच चल रही है, वह पार्टी से निलंबित रहेंगे। हम मांग करते हैं कि जांच समय सीमा के भीतर पूरी की जाए।
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