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रूस-यूक्रेन युद्ध के सोमवार को छठे माह में प्रवेश करने के बीच यूक्रेनी बलों ने कहा कि रूसी सेना के 50 गोला-बारूद डिपो नष्ट कर दिए हैं। यह कार्रवाई अमेरिका से मिले हिमारस रॉकेट प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए की गई। अमेरिका ने जून माह में यूक्रेन को ये हथियार दिए थे। यूक्रेन के रक्षामंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने कहा, अमेरिका से आए उच्च गतिशीलता वाले आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम एचआईएमएआरएस (हिमारस) ने बेहतर प्रदर्शन किया और रूस को बचाव का मौका नहीं दिया।
फिलहाल रूस ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इस लंबे युद्ध में हालात यह हैं कि रूसी सेना अब अपनी सतह से हवा में मार करने वाली एस-300 मिसाइलों का इस्तेमाल यूक्रेन के जमीनी ठिकानों पर हमले के लिए कर रही है। सोवियत जमाने की एस-300 मिसाइलें सबसे पहले साल 1979 में तैनात की गई थीं। इन मिसाइलों को सोवियत वायु रक्षा बलों के लिए हवाई हमले से बचाव और क्रूज मिसाइलों से निपटने के लिए बनाया था। जबकि अमेरिकी मदद से यूक्रेन इन्हें नष्ट कर रहा है। रूस द्वारा इस्तेमाल की गई एस-300 मिसाइलों को एक खास विस्फोटक से लैस किया गया था। ये मिसाइलें जिस जगह भी गिरीं उसके आसपास सब कुछ नष्ट हो गया। इन मिसाइलों के इस्तेमाल से अब रूस के खिलाफ युद्ध अपराध के आरोप तेज होते जा रहे हैं।
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