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नई दिल्ली । संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो चुका है। लेकिन सत्र में अभी कायदे से किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी है। खाने वाली कई आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने के बाद संसद के दोनों सदनों में खूब हंगामा हुआ है। इस लेकर संसद के दोनों सदनों में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है। कई नेताओं ने आरोप लगाकर कहा है कि सरकार महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा से भाग रही है। निर्दलीय राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा कि विपक्ष अपनी मर्जी से किसी विषय पर चर्चा क्यों नहीं कर सकता?
संसद के दोनों सदनों में जारी गतिरोध की पृष्ठभूमि में सिब्बल ने कहा कि सप्ताह में एक दिन ऐसा तय होना चाहिए जब विपक्षी सदस्य किसी भी विषय पर चर्चा कर सकें और सरकार को इस रोकने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘संसद में गतिरोध चल रहा है। संसदीय कामकाज की शुरुआत के लिए नियमों में बदलाव होने चाहिए। सप्ताह में एक दिन ऐसा तय हो, जब विपक्ष अपनी मर्जी से किसी भी विषय पर चर्चा कर सके। केंद्र के पास इस वीटो करने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि चर्चा के बिना कोई विधेयक पारित नहीं होना चाहिए। इस पर विपक्ष को भी सहयोग करना चाहिए।
कांग्रेस ने भी सरकार पर महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था, राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने महंगाई और खाने वाली आवश्यक वस्तुओं पर लगाई गई जीएसटी पर तत्काल बहस की मांग की थी। लेकिन सरकार ने इस पर चर्चा करने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। सिब्बल के ट्वीट ने विपक्ष की मर्जी से किसी भी विषय पर चर्चा करने के मुद्दों को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। देखना है कि सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।
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