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जयपुर । यात्राओं के दौरान बोझा यानि सामान को ढोना बड़ी समस्या होती है अब रेलवे स्टेशन पर कुली से सामान उठावाना भी महंगा पड़ेगा। उत्तर पश्चिम रेलवे ने अपने चारों रेल मंडलों के 545 रेलवे स्टेशनों पर कुलियों की न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी कर दी है। अब न्यूनतम मजदूरी 70 रुपये से बढ़ाकर 90 रुपये कर दी गई है। यह मजदूरी 40 किलो के लगेज पर है। इसके बाद जैसे जैसे सामान का वजन बढ़ेगा या लगेज की संख्या ज्यादा होगी मजदूरी भी उसी अनुपात में बढ़ेगी। लेकिन अब कुली से सामान उठवाने पर यात्री को न्यूनतम 90 रुपये देने होंगे।
उत्तर पश्चिमी रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि मजदूरी की नई दरों में 20 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। पहले यह न्यूनतम 70 रुपये थी। उसे अब 20 रुपये बढ़ाकर 90 रुपये कर दिया गया है। कुली की मजदूरी की ये नई दरें उत्तर पश्चिमी रेलवे के चारों मंडलों जयपुर जोधपुर बीकानेर और अजमेर के सभी 545 रेलवे स्टेशनों पर तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है। हालांकि कुली यूनियन इस बढ़ोतरी से बहुत ज्यादा खुश नहीं है। उसने इस आंशिक बढ़ोतरी को ऊंट के मुंह में जीरे के समान बताया है। कुलियों का कहना है कि आज के दौर में 40 किलो सामान की न्यूनतम मजदूरी कम से कम 120 रुपये होनी चाहिए। उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से बढ़ाई गई मजदूरी से महंगाई के इस दौर में उन्हें कोई बहुत ज्यादा फायदा नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि कोविड काल में ट्रेनों के पहिये थमने से कुली पूरी तरह से बेरोजगार हो गये थे। उसके बाद जब ट्रेनें फिर से पटरियों पर दौड़ने लगी तो कुलियों को जैसे जीवनदान मिल गया था। कुली यात्री का सामान उठाने के बदले कितनी मजदूरी लेगा यह वह खुद नहीं बल्कि रेलवे तय करता है। हालांकि अब समय के साथ कुलियों की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। लेकिन जो कुली काम रहे हैं वे कम मजदूरी को लेकर बेहद दुखी हैं। बहरहाल कुलियों को अब भी उम्मीद है कि आने वाले समय में रेलवे उनकी सुनेगा और उनकी मजदूरी सम्मानजनक स्थिति में होगी। फिलहाल कम ही सही लेकिन कुली पहले से ज्यादा कमाने लगे है। कमजोर माली हालत से गुजर रहे कुलियों को इस बात का संतोष है कि जैसे-तैसे उनका काम तो शुरू हो गया फिलहाल के लिये वही बड़ी बात है।
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