तिहाड़ जेल में विचाराधीन कैदी की पिटाई कर एक लाख रुपये सुरक्षा शुल्क मांगने के आरोप पर जेल अधीक्षक से प्राप्त जवाब को कड़कड़डूमा कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है। साथ ही कहा कि जेल अधीक्षक का जवाब अत्यधिक संदिग्ध है और वास्तविक घटना को छिपाने के इरादे से लिखा गया प्रतीत होता है। इस जवाब को लेकर मंगलवार को महानगर दंडाधिकारी अनिमेष भास्कर मणि त्रिपाठी के कोर्ट ने इस जेल की त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को कठघरे में खड़ा किया है। कोर्ट ने कहा कि दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी और विश्व में सुरक्षित जेलों में गिनी वाली तिहाड़ जेल के भीतर आसानी से बाहर से अज्ञात वस्तु का आना सुरक्षा अधिकारियों और उनके पर्यवेक्षी अधिकारियों की कार्यक्षमता पर प्रश्न चिह्न लगाता है। कोर्ट ने इस मामले में जेल महानिदेशक से सात बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। आदेश की प्रति दिल्ली सरकार के प्रमुख सचिव को भी भेजी गई है। अब इस मामले में 24 जून को सुनवाई होगी।
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