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देश की अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने के संकेतों के बीच सबकी नजरें पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों पर है। सरकार की ओर से मंगलवार को जीडीपी के आंकड़े जारी किए जाएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 4.5 फीसदी से नीचे रह सकती है जो तीसरी तिमाही से कम है।भारतीय स्टेट बैंक के अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि देश की जीडीपी दर चौथी तिमाही में 2.7 फीसदी रह सकती है। यह अन्य सभी अनुमानों में सबसे कम है। वहीं रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 3.5 फीसदी रह सकती है।इक्रा ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में तेजी और पिछले साल का उच्च आधार दर है। कमोडिटी के दाम बढ़ने से कंपनियों ने विस्तार की रफ्तार घटाई है, जिसका असर वृद्धि दर पर पड़ सकता है। हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि कृषि और उद्योग जीडीपी वृद्धि दर में एक फीसदी का सकल मू्ल्य जोड़ेंगे, जो एक बेहतर संकेत है।
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