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भोपाल । पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपनी ही पार्टी (भाजपा) के नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू की सांस्कृतिक पहचान का इस्तेमाल न करें। उन्होंने साफ कहा कि भाजपा के लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भारत का राष्ट्रपति देश का संवैधानिक मुखिया होता है, वह किसी जातीय दायरे में नहीं होता। इसलिए इसका राजनीतिक लाभ लेने की लालसा से वक्तव्य नहीं देना चाहिए। उमा भारती की यह प्रतिक्रिया तब आई है, जब द्रौपदी मुर्मू को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद प्रदेश भाजपा कार्यालय में गुरुवार को सभी आदिवासी जनप्रतिनिधियों द्वारा जश्न मनाया गया था। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू को एनडीए द्वारा राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाना उन पर कोई एहसान नहीं है, वह हर तरह से योग्य महिला हैं। शैक्षिक योग्यता, समाज सेवा का समदर्शी भाव एवं संयमित संस्कारित जीवन, मन, वचन एवं कर्म की संगति का सधा हुआ मेल है। भारत का राष्ट्रपति बनने के लिए इसके अलावा और क्या चाहिए? इसलिए उनकी अपनी योग्यता ही इस पद की उम्मीदवारी के चयन का आधार है। भारती ने मुर्मू को बधाई और शुभकामनाएं भी दीं।
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