नागरिकों के संवैधानिक व मौलिक अधिकारों का हनन करता नगर पालिक निगम रतलाम, कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर तीन सप्ताह में दें जवाब
Type Here to Get Search Results !

नागरिकों के संवैधानिक व मौलिक अधिकारों का हनन करता नगर पालिक निगम रतलाम, कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर तीन सप्ताह में दें जवाब


साल के करोड़ों रूपयों के बजट के बाद भी जनता के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। रतलाम नगर पालिक निगम से लेकर तमाम जिम्मेदार मौन हैं।
 
रतलाम    मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में एक ओर जहां मुख्यमंत्री की नल जल योजना द्वारा करोड़ों रूपये का कार्य स्वच्छ पानी और जल प्रदाय घर-घर पहुंचाने के लिये किया गया, वहीं दूसरी ओर नगर पालिक निगम रतलाम के जिम्मेदार अधिकारियों से जब आरटीआई के माध्यम से पूछा गया कि रतलाम के वार्ड क्र. 16, सुभाष नगर के रहवासियों की नगर निगम रिकाॅर्ड के अनुसार जनसंख्या कितनी दर्ज है और उस जनसंख्या के लिए रोजाना या एक दिन छोड़कर कितने पानी की सप्लाई की जाती है, पानी के गंदे और दूषित होने पर जांच नमूना लेने के लिए पूछा गया। इन सबके जवाब में निगम के जिम्मेदार अधिकारी निगम कमिश्नर के अधीनस्थ कार्यपालन यंत्री द्वारा अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झड़ते हुये आरटीआई से मांगी जानकारी देने से इंकार कर दिया गया, जबकि यह भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकार का विषय है। इस क्षेत्र में अधिकतर पिछड़ी व दलित जाति के परिवारों के निवासरत होने के कारण इस क्षेत्र में गंदे व गटरनुमा पानी की घोर समस्या का निराकरण नहीं किया गया और नागरिकों द्वारा कई शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन ने कलेक्टर एवं नगर निगम कमिश्नर, रतलाम से जवाब-तलब कर तीन सप्ताह में तथ्यात्मक प्रतिवेदन मांगा है।






*सम्पूर्ण समाचारो के लिए न्याय क्षेत्र भोपाल होगा समाचार का माध्यम मध्य प्रदेश जनसम्पर्क है

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Bhopal

4/lgrid/Bhopal
----------------NEWS Footer-------------------------------- --------------------------------CSS-------------------------- -----------------------------------------------------------------