प्रसव के लिये तड़पती रही महिला, 6 घंटे तक किया इंतजार, नवजात की मौत
Type Here to Get Search Results !

प्रसव के लिये तड़पती रही महिला, 6 घंटे तक किया इंतजार, नवजात की मौत

 

आयोग ने पूछा – पीड़िता को मुआवजा दिया गया या नहीं ?

कलेक्टर एवं सीएमएचओ, छतरपुर को देना होगा एक माह में जवाब

छतरपुर    नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव के लिये आई एक गर्भवती महिला के पास पैसा नहीं होने के कारण उसको अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। रेफर के दौरान गर्भवती ने एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया। नवजात की मौत हो गई। मामले में त्वरित संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन ने कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, छतरपुर से एक माह में जवाब मांगा है। आयोग ने कहा है कि मामले की जांच कराकर जांच रिपोर्ट भेजें। साथ ही यह भी पूछा है कि पीड़िता को कोई मुआवजा राशि दी गई है या नहीं ? मालूम हो कि पहले तो गर्भवती को नर्सों ने बताया था कि 9 से 10 बजे तक बच्चा हो जायेगा, लेकिन फिर बच्चे की डिलेवरी नहीं कराई और गर्भवती को रेफर कराने की सलाह दी। करीब 6 घंटे तक गर्भवती प्रसव के लिये इंतजार करती रही। अंततः उसे रेफर ही कर दिया गया। रेफर के दौरान एम्बुलेंस की सुविधा भी नहीं मिली। हाथ में पैसे न होने के कारण वह निजी वाहन से जाने में असमर्थ थीं। तभी एक स्थानीय पत्रकार ने उस गर्भवती को निजी वाहन से जिला अस्पताल, छतरपुर भिजवाने का प्रबंध किया। जैसे ही गर्भवती महिला नौगांव नगर के बाहर नवोदय स्कूल के पास पहुंची, तब उसने एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया, बच्चा मृत प्राप्त हुआ। प्रसव के बाद बच्चे की मौत हुई या मां के गर्भ में ही, यह जांच का विषय है। अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही सवालों के घेरे में है।






*सम्पूर्ण समाचारो के लिए न्याय क्षेत्र भोपाल होगा समाचार का माध्यम मध्य प्रदेश जनसम्पर्क है

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Bhopal

4/lgrid/Bhopal
----------------NEWS Footer-------------------------------- --------------------------------CSS-------------------------- -----------------------------------------------------------------