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बेंगलुरु । भारत का अंतरिक्ष प्रोग्राम लगातार प्रगति पर है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा अपनी वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के लिए बनाए गए संचार उपग्रह जीसैट-24 का फ्रेंच गुयाना (दक्षिण अमेरिका) के कोउरू से गुरुवार को सफल प्रक्षेपण किया गया। जीसैट-24 एक 24-केयू बैंड वाला संचार उपग्रह है, जिसका वजन 4180 किलोग्राम है। यह ‘डीटीएच’ संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए अखिल भारतीय कवरेज मुहैया कराएगा। एनएसआईएल ने उपग्रह की पूरी क्षमता ‘टाटा प्ले’ को लीज पर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एरियनस्पेस से अब तक 25 भारतीय सैटेलाइट लॉन्च हुए हैं। एरियनस्पेस ने 11 जीसेट-24 सैटेलाइट्स अब तक लॉन्च किये हैं। जीसैट सीरीज का यह 11वां सैटेलाइट है। ये संचार के काम में आता है।
जीसैट-24 एक 24-केयी बैंड संचार उपग्रह है, जिसका वजन 4181 किलोग्राम है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जीसैट-24 सैटेलाइट 15 सालों के लिए काम करेगा। वहीं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को कहा कि वह 30 जून को अपनी वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के दूसरे समर्पित वाणिज्यिक मिशन ‘पीएसएलवी-सी53’ की शुरुआत करेगा जो सिंगापुर के तीन उपग्रहों को लेकर जाएगा।
खबरों के मुताबिक दो अन्य उपग्रहों के साथ डीएस-ईओ उपग्रह को ले जाने वाला प्रक्षेपण यान श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से भारतीय समयानुसार शाम छह बजे उड़ान भरेगा। प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती 29 जून को शाम पांच बजे से शुरू होगी यह पीएसएलवी का 55वां मिशन होगा और पीएसएलवी-कोर अलोन वैरिएंट का उपयोग करते हुए 15वां मिशन तथा दूसरे लॉन्च पैड से 16वां पीएसएलवी प्रक्षेपण होगा।
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