18 साल बाद महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटों के लिए होगा मतदान
Type Here to Get Search Results !

18 साल बाद महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटों के लिए होगा मतदान


मुंबई। महाराष्ट्र में राज्यसभा की छठी सीट के लिए लड़ाई दिलचस्प हो गई है. शुक्रवार को नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन था. बीजेपी और महा विकास आघाडी के किसी भी प्रत्याशी ने पर्चा वापस नहीं लिया. जिसके बाद अब ये साफ हो गया है कि लगभग 18 सालों बाद महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को मतदान होगा. इससे पहले शुक्रवार सुबह महा विकास आघाडी के नेताओं ने नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उनके निवास स्थान पर मुलाकात कर चुनाव को निर्विरोध करने की विनती की. बैठक में नेताओं ने बीजेपी को ऑफर दिया कि राज्यसभा में उनके तीसरे कैंडिडेट को अगर पार्टी नामांकन वापस लेने को कहती है तो 20 जून को होने वाले विधान परिषद चुनाव में उन्हें एक अतिरिक्त सीट दी जाएगी. लेकिन बीजेपी ने महा विकास आघाडी के प्रस्ताव को ठुकराते हुए चुनाव लड़ने का फैसला लिया. जिसने सरकार के भी हाथ पांव फुला दिए हैं. आपको बता दें कि राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने तीन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. जिसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, पूर्व विधायक अनिल बोंडे और पूर्व सांसद धनंजय महाडिक शामिल हैं. वहीं शिवसेना ने संजय राऊत और संजय पवार को टिकट दिया है. कांग्रेस की तरफ से यूपी से ताल्लुक रखने वाले इमरान प्रतापगढ़ी तथा राकांपा ने अपने वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को फिर एक बार मौका दिया है. 
महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए करीब 42 वोटों की जरूरत है. बीजेपी के पास 106 विधायक हैं, 7 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है यानि कुल 113 विधायक हैं जिसमें से दो सीटों पर जीत हासिल करने के लिए 84 वोट की जरूरत है. इसके बाद 29 वोट बीजेपी के पास ज्यादा है. हालांकि जीत के 42 वोट में से 13 कम हैं. बीजेपी की रणनीति छोटे दल और पहली पसंद के उम्मीदवार पर टिकी है. वहीं सरकार को समर्थन दे रहे, लेकिन सरकार से नाराज रहने वाले बहुजन विकास अघाड़ी, समाजवादी पार्टी और कुछ सरकार समर्थित विधायकों का साथ मिलने के उम्मीद है. हालांकि महा विकास आघाडी सरकार की अगर बात करें तो संख्या के हिसाब से 41 वोट होने का दावा किया जा रहा है. जीत से केवल एक वोट कम. लेकिन राज्य सभा चुनाव में प्राथमिकता वोट आधार पर चुनाव होता है. अगर प्राथमिक वोट कोटे से ज्यादा जाता है तो शिवसेना के दूसरी सीट के उमीदवार की जीत की संभावना कम हो सकती है.
राज्यसभा चुनाव के नामों का ऐलान कांग्रेस पार्टी की तरफ से किए जाने के बाद से ही महाराष्ट्र के नेताओं में जमकर असंतोष देखने को मिल रहा है. यूपी से ताल्लुक रखने वाले और गांधी परिवार के करीबी इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. लेकिन हाईकमान का ये फैसला कांग्रेस पार्टी के कई विधायकों को रास नहीं आ रहा है, और शायद यही वजह भी है कि पार्टी को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं, जीत से केवल दो ज्यादा. ऐसे में अगर एक या दो वोट अमान्य होते हैं तो कांग्रेस के उम्मीदवार की जीत में यह बड़ा रोड़ा साबित हो सकते हैं. वहीं चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई तो कांग्रेस को हार का सामना भी करना पड़ सकता है, और शायद यही वजह भी रही कि कांग्रेस के नेताओं ने सुबह पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर चुनाव को निर्विरोध कराने की विनती की. हालांकि इसमें उन्हें कुछ खास हाथ नहीं लग पाया है. अब विधायकों के बीच देखी जा रही नाराजगी को कांग्रेस कैसे कम करने में कामयाब हो पाती है, ये बड़ा सवाल है. 






*सम्पूर्ण समाचारो के लिए न्याय क्षेत्र भोपाल होगा समाचार का माध्यम मध्य प्रदेश जनसम्पर्क है
Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Bhopal

4/lgrid/Bhopal
----------------NEWS Footer-------------------------------- --------------------------------CSS-------------------------- -----------------------------------------------------------------