मध्य प्रदेश के अंदर शासन के आला अधिकारियों ने अपनी पात्रता से अधिक शासकीय कर्मचारी अथवा अर्दलीयो को तथा परिजनों की सेवा में रात दिन लगा रखा था परंतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान में यह मामला आते ही मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश की दिया के प्रदेश के सभी आला अधिकारी पात्रता अनुसार कर्मचारियों को रखें मध्यप्रदेश में 70% से अधिक ने इस आदेश का तत्काल पालन भी कर लिया कई आला अधिकारियों ने पात्रता से अधिक कर्मचारियों को भार मुक्त कर उनके मूल स्थान पर भेज दिया परंतु मध्य प्रदेश के विवादीत परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने इन आदेशों की नाफरमानी कर डाली. आज सिटी टूडे की टीम जब उनके निजी निवास भोपाल अरेरा कॉलोनी E1/ 45 पर पहुंची तो वहां 10 से अधिक कर्मचारी तैनात थे जब टीम ने फोटो लेना चाहा तो गार्ड की सख्ती से हमारी टीम सफल नहीं हो सकी परंतु हमारी टीम को निजी निवास के अंदर तैनात कर्मचारियों की जानकारी मिल गई.
प्राप्त जानकारी के अनुसार निवास पर 29 बटालियन के आरक्षक धनंजय शर्मा संतोष गिरी पहली बटालियन के उदयवीर 13 बटालियन के अजय राठौर कौशलेंद्र भदोरिया सत्येंद्र राठौर दिलीप आदि के अलावा अरुण ड्राइवर सहित चार अन्य कर्मचारी वहाँ मौजूद थे सूत्रों अनुसार इन कर्मचारियों की समय अनुसार मैडम ड्यूटी लगाती हैं अगर हमारे समाचार को कोई चुनौती देता है तो वह इन सभी कर्मचारियों के मोबाइल की लोकेशन से सत्यापित कर सकता है.
फिलहाल मध्यप्रदेश में आयुक्त जैन अपनी विवादित कार्यशैली भ्रष्ट अधिकारियों को सरंक्षण देकर शासन के नियमों के विरुद्ध मनमाफिक नियमों का पालन करते हैं कथा जो उनकी मनमाफिक कार्य नहीं करते उन को कारण बताओ नोटिस के साथ-साथ मानसिक प्रताड़ना का भी शिकार होना पड़ता है ,वह अपने ही अधिकारी कर्मचारियों के पीछे अपने निजी टीम से उनको परेशान करवा कर निष्पक्ष ईमानदारी से पत्रकारिता करने वाले वरिष्ठ पत्रकारों को भी अपने पद का दबाव बनाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित भी कराया जाता. बताया जाता है कि कुछ पीड़ित लोग जल्दी ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा भोपाल तथा नई दिल्ली में सीबीआई ,मानवाधिकार आयोग आदि में शिकायत दर्ज करा कर कार्यवाही हेतु प्रयास करेंगे.
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