चित्रकूट से पधारे कथा वाचक बालयोगी संत सर्वेश्वरानंद सरस्वती जी द्वारा श्रद्धालुओं से संस्था से जुड़ने का आह्वान कर संस्थाध्यक्ष को शुभाशीष प्रदान किया। इस दौरान संत सर्वेश्वरानंद जी ने संस्थापक पंकज जैन जी के साथ वृक्षों पर सकोरे स्थापित कर अपने कर कमलों से उसमें मूक पक्षियों हेतु पेयजल डालकर अहिंसा महामहोत्सव में अपनी सहभागिता दी।
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