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इस्लामाबाद| पत्रकारों और विश्लेषकों को देश के राजनीतिक मामलों में पाकिस्तानी सेना और उसके नेतृत्व को घसीटने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि यह अभ्यास 'बेहद नुकसानदायक' है। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने एक बयान में कहा, "हाल ही में देश में चल रहे राजनीतिक विमर्श में पाकिस्तान के सशस्त्र बलों और उनके नेतृत्व को खींचने के लिए तीव्र और जानबूझकर प्रयास किए गए हैं।" "ये प्रयास सशस्त्र बलों के साथ-साथ उनके वरिष्ठ नेतृत्व, कुछ राजनीतिक नेताओं, कुछ पत्रकारों और विश्लेषकों द्वारा सार्वजनिक मंचों और सोशल मीडिया सहित विभिन्न संचार प्लेटफार्मों पर किए गए प्रत्यक्ष, स्पष्ट या सूक्ष्म संदर्भों के माध्यम से प्रकट होते हैं।"
सेना की मीडिया विंग ने आगे कहा कि निराधार, मानहानिकारक और भड़काऊ बयानों/टिप्पणियों की यह प्रथा बेहद हानिकारक है।
इसमें कहा गया है, "पाकिस्तानी सशस्त्र बल इस तरह के गैरकानूनी और अनैतिक व्यवहार का कड़ा विरोध करते हैं और सभी से कानून का पालन करने और सशस्त्र बलों को देश के सर्वोत्तम हित में राजनीतिक चर्चा से बाहर रखने की उम्मीद करते हैं।"
पिछले महीने पूर्व पीएम इमरान खान और सत्तारूढ़ पीएमएल-एन दोनों ने बड़े पैमाने पर जन अभियान शुरू करने के साथ पिछले महीने अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से पीटीआई के नेतृत्व वाली सरकार को हटाने के बाद देश में बढ़ी राजनीतिक गतिविधि के बीच यह बयान आया है।
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