जीवन में विपरीत परिस्थितियों में आत्म-विश्वास के साथ निरंतर कार्य करना महत्वपूर्ण सफलता के बीच जिम्मेदारियों के प्रति समर्पण में जीवन की सार्थकता रू राज्यपाल श्री पटेल राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल कॉनक्वेस्ट-2022 समारोह में हुए शामिल
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जीवन में विपरीत परिस्थितियों में आत्म-विश्वास के साथ निरंतर कार्य करना महत्वपूर्ण सफलता के बीच जिम्मेदारियों के प्रति समर्पण में जीवन की सार्थकता रू राज्यपाल श्री पटेल राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल कॉनक्वेस्ट-2022 समारोह में हुए शामिल

कटनी (19 मई)- राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जीवन में उतार-चढ़ाव सभी की जिंदगी में आते हैं। विपरीत परिस्थितियों में आत्म-विश्वास बनाए रखते हुए निरंतर निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करते रहना महत्वपूर्ण है। सफलता और आनंद के क्षणों में भी अपनी जिम्मेदारियों के प्रति उत्तरदायित्व की भावना के साथ कार्य करने में ही जीवन की सार्थकता है। उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि जीवन में अनेक कठिनाइयों के बीचइसी भावना के साथ कार्य करते हुएवह इस मुकाम तक पहुँचे हैं।

            राज्यपाल श्री पटेल ओरिएंटल इंस्टीट्यूट के कॉनक्वेस्ट-2022 को संबोधित कर रहे थे। समारोह में उन्होंने विभिन्न प्रतिष्ठित उद्यमों में चयनित होने वाले संस्थान के छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।

            राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि उनका सदैव यह प्रयास रहता है कि वह समाज के सबसे पिछड़े वंचित वर्ग के कल्याण में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें। उनके लिए यथाशक्ति अधिकतम परिश्रम के साथ कार्य करें। इसी भावना के साथ प्रदेश में राज्यपाल के रूप में वंचित वर्गों और पहुँचविहीन क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान के निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने संस्थान की शैक्षणिक गतिविधियों और कॉनक्वेस्ट समारोह के आयोजन संबंधी व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। राज्यपाल ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत नृत्य नाटिका गणेश वंदनानमामि देवी नर्मदे और प्रदर्शित लघु फिल्म की संकल्पना में निहित सामाजिकआध्यात्मिकता को समझना जरूरी है। गणेश जी का अपनी माता के प्रति सेवासमर्पणसंकल्प का परिणाम है कि आज भी शुभ कार्य उनकी वंदना के साथ प्रारंभ होता है। नदी और पेड़ जीवन का आधार हैजिनसे हमें पेयजल और प्राणवायु प्राप्त होती है। सुखी जीवन के लिए स्वच्छ पर्यावरणनदियों की स्वच्छतासंरक्षण और पौध-रोपण किया जाना जरूरी है। उन्होंने ने बताया कि जहाँ राजपाट और संपत्ति के लिए भाई-भाई में संघर्ष के किस्से देखने को मिलते है। वही सरदार पटेल ने समझा-बुझाकर देश की साढ़े पाँच सौ से अधिक रियासतों को राजपाट त्यागने के लिए तैयार करने का अभूतपूर्व कार्य किया है।

            राज्यपाल का ओरिएंटल इंस्टीट्यूट के चेयरमैन श्री प्रवीण ठकराल ने स्वच्छ पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण के प्रतीक स्वरूप पौधा भेंट कर स्वागत और आभार स्वरूप स्मृति-चिन्ह प्रदान किया। समारोह में स्वागत उद्बोधन छात्र गतिवि
धि समिति के महासचिव तुषार कटारिया ने और मास्टर ऑफ सेरेमनी छात्रा दिवा खान ने आभार माना। संचालन छात्र ओम गर्ग और छात्रा अंशिका गुप्ता ने किया।






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