परिवार पर बोझ नहीं, वरदान बन रहीं लाड़ली
लाड़ली लक्ष्मी योजना के लाभ से मड़ई निवासी श्रृष्टि, प्रतीक्षा के परिवार की दूर हुई पढ़ाई की चिंता
कटनी - प्रदेश सरकार की लाड़ली लक्ष्मी योजना के कारण अब गरीब परिवारों में बेटियां बोझ नहीं बल्कि वरदान मानी जा रही हैं। हजारों परिवारों को बेटियों की शिक्षा से योजना ने चिंता मुक्त कर दिया है और यही कारण है कि अब बेटियां भी उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर हैं।
कटनी जिले की ग्राम पंचायत मड़ई निवासी बालिका श्रृष्टि दुबे व प्रतीक्षा दुबे के पिता शंकर लाल दुबे की गांव में ही छोटी सी खेती है और परिवार के भरण पोषण के लिए शंकर मेहनत मजदूरी करते आ रहे हैं। बेटियां जैसे-जैसे बड़ी हुई, शंकर लाल व उनकी पत्नी सविता दुबे को उनकी पढ़ाई की चिंता सताने लगी।
श्रृष्टि व प्रतीक्षा का पंजीयन लाड़ली लक्ष्मी योजना में था और गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रूपा बर्मन ने परिजनों को समझाया कि योजना में बेटियां जैसे ही कक्षा 6वीं में प्रवेश करेंगी, उनको 2-2 हजार रूपये की राशि मिलेगी। इसके अलावा कक्षा नवमीं में पहुंचने पर 4 हजार रूपये और कक्षा 11वीं व 12वीं में प्रवेश के दौरान छह-छह हजार रूपये की राशि छात्रवृत्ति के रूप में प्राप्त होगी।
श्रृष्टि को कक्षा छठवीं में प्रवेश के साथ ही 2 हजार रूपये प्राप्त हुए और उसके बाद कक्षा नवमीं में प्रवेश के बाद उसके खाते में 4 हजार रूपये की राशि छात्रवृत्ति के रूप में आई। जिससे न सिर्फ श्रृष्टि की पढ़ाई जारी है बल्कि उसके परिजनों की चिंता भी अब दूर हो गई है। श्रृष्टि वर्तमान में कक्षा 10वीं की छात्रा है और उसकी पढ़ाई अब आगे भी जारी रहेगी, इस बात को लेकर वह खुश है। इसी तरह छोटी बेटी प्रतीक्षा को भी कक्षा 6वीं में प्रवेश के साथ ही पढ़ाई जारी रखने के लिए 2 हजार रूपये छात्रवृत्ति के रूप में योजना के तहत मिले हैं और उसके माध्यम से प्रतीक्षा भी पूरे मन से शिक्षा प्राप्त कर रही है। बेटियों ने आगे की पढ़ाई की चिंता दूर होने पर प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है।
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