लखनऊ । उत्तर प्रदेश में अब मंत्री अपना पंसदीदा स्टाफ नहीं रख सकेंगे। खबर है कि अब योगी सरकार के मंत्रियों को अपने पसंद का निजी स्टाफ रखने की आजादी नहीं होगी। उन्हें एक खास सूची से ही अपना स्टाफ चुनना होगा। इस नई व्यवस्था को मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से भी हरी झंडी मिल गई है। सीएम आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, योगी सरकार की नई व्यवस्था में स्टाफ का चुनाव डिजिटल तरीके से होगा और मंत्रियों को उम्मीदवारों की लिस्ट में से अपना स्टाफ चुनना होगा। खास बात है कि यह सूची कम्प्यूटर लॉटरी के जरिए तैयार की गई है। साथ ही बीते पांच सालों में किसी भी मंत्री के साथ काम कर चुके सपोर्ट स्टाफ को नई सूची में शामिल नहीं किया गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने शासन और सामान्य प्रशासन कार्यों में महिलाओं की भागेदारी बढ़ाने पर भी ध्यान दिया है। इसके तहत 20 फीसदी महिलाओं को निजी सचिव, सहयोगी निजी सचिव, समीक्षा अधिकारी और सहयोगी समीक्षा अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। खबर है कि अंतिम सूची को सीएम कार्यालय की तरफ से भी मंजूरी मिल चुकी है। इस सूची में चुने गए लोगों के नाम कोड में दर्ज किए गए हैं, ताकि इसे जाति या धर्म से दूर निष्पक्ष दस्तावेज बनाया जा सके। इस सूची में से ही मंत्री अपने पसंद का स्टाफ चुन सकेंगे।यूपी के सीएम पद की शपथ लेने के तीन दिन बाद ही योगी आदित्यनाथ ने राज्य सरकार के नए मंत्रियों को विभाग आवंटित किए। उन्होंने गृह समेत 33 विभागों को अपने पास रखने का फैसला किया है। खास बात है कि उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से लोक निर्माण विभाग लेकर जितिन प्रसाद को दिया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद बीते साल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। मौर्य को ग्रामीण विकास, ग्रामीण समग्र विकास, रूरल इंजीनियरिंग, मनोरंजन कर और राष्ट्रीय एकीकरण शामिल है।