रायसेन-अशासकीय शालाओं में शैक्षणिक सत्र 2020-21 एवं 2021-22 के लिए निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम अंतर्गत अध्ययनरत प्रवेशित बच्चों की शुल्क प्रतिपूर्ति किए जाने के लिए शालाओं द्वारा निर्धारित मॉड्यूल में 16 अप्रैल तक की अवधि में प्रस्ताव प्रस्तुत किए जा सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि सत्र 2020-21 में कोविड संक्रमण के चलते इस सत्र के लिए नोशनल आधार पर नवप्रवेशित बच्चों के साथ अन्य कक्षाओं के प्रोन्नत बच्चों के प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाएंगे। फीस या शुल्क प्रतिपूर्ति के प्रस्ताव प्रस्तुत करते समय अशासकीय शालाओं को इस बार विशेष सावधानी का पालन करना आवश्यक होगा क्योंकि यह प्रस्ताव निर्धारित समय सीमा 16 अप्रैल तक ही प्रस्तुत किए जा सकेंगे, साथ ही एक शाला अधिकतम दो प्रस्ताव ही प्रस्तुत कर सकेगी। ऐसी स्थिति में शालाओं को परामर्श दिया गया है कि वे अधिकतम बच्चों को पहले प्रस्ताव में ही सम्मिलित कर लें, आरटीई फीस प्रतिपूर्ति का लाभ वास्तविक बच्चों को ही प्राप्त हो इसके लिए शाला में आरटीई के तहत दर्ज समस्त बच्चों का आधार सत्यापन केवल बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से करवाए जाने का प्रावधान किया गया है। अशासकीय शालाओं से पहले 2020-21 के प्रस्ताव लॉक किए जाएंगे उसके पश्चात ही सत्र 2021-22 के प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने होंगे।
उल्लेखनीय है कि सत्र 2020-21 में कोविड संक्रमण के चलते इस सत्र के लिए नोशनल आधार पर नवप्रवेशित बच्चों के साथ अन्य कक्षाओं के प्रोन्नत बच्चों के प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाएंगे। फीस या शुल्क प्रतिपूर्ति के प्रस्ताव प्रस्तुत करते समय अशासकीय शालाओं को इस बार विशेष सावधानी का पालन करना आवश्यक होगा क्योंकि यह प्रस्ताव निर्धारित समय सीमा 16 अप्रैल तक ही प्रस्तुत किए जा सकेंगे, साथ ही एक शाला अधिकतम दो प्रस्ताव ही प्रस्तुत कर सकेगी। ऐसी स्थिति में शालाओं को परामर्श दिया गया है कि वे अधिकतम बच्चों को पहले प्रस्ताव में ही सम्मिलित कर लें, आरटीई फीस प्रतिपूर्ति का लाभ वास्तविक बच्चों को ही प्राप्त हो इसके लिए शाला में आरटीई के तहत दर्ज समस्त बच्चों का आधार सत्यापन केवल बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से करवाए जाने का प्रावधान किया गया है। अशासकीय शालाओं से पहले 2020-21 के प्रस्ताव लॉक किए जाएंगे उसके पश्चात ही सत्र 2021-22 के प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने होंगे।
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