गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम के अंतर्गत गर्भ में पल रहे शिशु की लिंग जांच करना गैर कानूनी और अपराध है। गर्भ में पल रहे शिशु की लिंग जांच करने पर दोषी व्यक्तियों को कारावास एवं जुर्माने की सजा से दंडित करने का प्रावधान है। इस अधिनियम के अंतर्गत जिले में पंजीकृत एवं संचालित सोनोग्राफी केन्द्रों की जांच के लिए कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने निरीक्षण दल का गठन कर दिया है। निरीक्षण दल जिले में अनाधिकृत रूप से किये जा रहे गर्भपात एवं गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सकों द्वारा एलोपेथिक चिकित्सा व्यवसाय करने वाली संस्थाओं का आकस्मिक निरीक्षण करने के साथ ही गर्भस्थ शिशु की लिंग जांच, बालिका भ्रूण हत्या तथा अवैध गर्भपात की सूचना प्राप्त होने पर वैधानिक कार्यवाही करेगा।निरीक्षण दल क्रमांक-01 में अनुविभागीय दंडाधिकारी बालाघाट, सिविल अस्पताल वारासिवनी की चिकित्सा अधिकारी डॉ श्रुति बिसेन, सहायक सांख्यिकी अधिकारी श्रद्धा सिंह एवं अधिवक्ता श्री शिव सिलेकर को शामिल किया गया है। इसी प्रकार निरीक्षण दल क्रमांक-02 में तहसीलदार बालाघाट, जिला चिकित्सालय के चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष बांगरे, संगणक मो. अकरम मंसूरी एवं अधिवक्ता नरेन्द्र पटले को शामिल किया गया है। यह निरीक्षण दल सप्ताह में कम से कम दो सोनोग्राफी केन्द्रों का निरीक्षण कर प्रतिवेदन अपर कलेक्टर एवं गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम के नोडल अधिकारी को प्रस्तुत करेंगें।
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