उपाध्यक्ष बिना कई काम प्रभावित
प्रदेश में विधानसभा उपाध्यक्ष नहीं होने से विधानसभा का काम प्रभावित हो रहा है। विधानसभा उपाध्यक्ष विस की पत्रकार दीर्घा सलाहकार समिति और विधायनी मंडल के संयोजक होते हैं। वे विधायकों की वेतन भत्ता निर्धारण समिति के सभापति होते हैं। उपाध्यक्ष का पद खाली होने से ये समितियां नहीं बन पा रही हैं। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने अपने विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए विधायक केदार शुक्ला को विधायकों की वेतन भत्ता निर्धारण समिति का सभापति बना दिया है। खास बात यह है कि विधानसभा अध्यक्ष के कार्यकाल को हाल में एक साल पूरा हो चुका है पर उपाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है।
उपाध्यक्ष पद के दावेदार
विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए भाजपा के तरफ से कई विधायक दावेदार हैं। विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए जिन विधायकों के नामों की सबसे ज्यादा चर्चा चल रही है, उनमें केदार शुक्ला, प्रदीप लारिया, यशपाल सिंह सिसोदिया, हरीशंकर खटीक, देवेंद्र वर्मा आदि के नाम शामिल हैं। कमलनाथ सरकार के समय कांग्रेस ने महिला कार्ड खेलते हुए हिना कांवरे को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया था। ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि उपाध्यक्ष पद के लिए शिवराज सरकार भी महिला कार्ड खेल सकती है। उपाध्यक्ष के दावेदारों में विधायक नंदिनी मरावी, गायत्री राजे पवार, नीना वर्मा और मालिनी गौड़ के नाम शामिल हैं। लेकिन विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए अब अगले सत्र तक इंतजार करना पड़ेगा।
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