भोपाल । विधानसभा का बजट सत्र भी बिना उपाध्यक्ष के समाप्त हो गया। संभावना जताई जा रही थी कि इस बार बजट सत्र में करीब दो साल बाद विधानसभा को नया उपाध्यक्ष मिल सकता है, लेकिन बजट सत्र समाप्त हो गया, इसके साथ ही विधानसभा उपाध्यक्ष का मामला भी दब गया। गौरतलब है कि प्रदेश की सत्ता में वापसी किए शिवराज सरकार को दो साल पूरे होने को हैं, लेकिन अब तक विधानसभा बिना उपाध्यक्ष के चल रही है। यह संभवत: पहला मौका है, जब इतने लंबे समय तक मध्य प्रदेश विधानसभा में उपाध्यक्ष का पद खाली है। गौरतलब है 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले तक मप्र में विधानसभा अध्यक्ष का पद सत्तापक्ष तो विधानसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलता था। लेकिन 2018 में कमलनाथ सरकार बनने के बाद यह परंपरा टूट गई। कांग्रेस ने विधानसभा उपाध्यक्ष का पद भी अपने पास रखा था। ऐसे में भाजपा भी यह ऐलान कर चुकी है कि विधानसभा उपाध्यक्ष का पद भाजपा के पास ही रहेगा। इस कारण विधानसभा के उपाध्यक्ष का मुद्दा बजट सत्र से पहले उठा लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं सका। अब अगले सत्र में नए उपाध्यक्ष का फैसला होने की संभावना है।

उपाध्यक्ष बिना कई काम प्रभावित
प्रदेश में विधानसभा उपाध्यक्ष नहीं होने से विधानसभा का काम प्रभावित हो रहा है। विधानसभा उपाध्यक्ष विस की पत्रकार दीर्घा सलाहकार समिति और विधायनी मंडल के संयोजक होते हैं। वे विधायकों की वेतन भत्ता निर्धारण समिति के सभापति होते हैं। उपाध्यक्ष का पद खाली होने से ये समितियां नहीं बन पा रही हैं। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने अपने विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए विधायक केदार शुक्ला को विधायकों की वेतन भत्ता निर्धारण समिति का सभापति बना दिया है। खास बात यह है कि विधानसभा अध्यक्ष के कार्यकाल को हाल में एक साल पूरा हो चुका है पर उपाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है।

उपाध्यक्ष पद के दावेदार
विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए भाजपा के तरफ से कई विधायक दावेदार हैं। विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए जिन विधायकों के नामों की सबसे ज्यादा चर्चा चल रही है, उनमें केदार शुक्ला, प्रदीप लारिया, यशपाल सिंह सिसोदिया, हरीशंकर खटीक, देवेंद्र वर्मा आदि के नाम शामिल हैं। कमलनाथ सरकार के समय कांग्रेस ने महिला कार्ड खेलते हुए हिना कांवरे को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया था। ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि उपाध्यक्ष पद के लिए शिवराज सरकार भी महिला कार्ड खेल सकती है। उपाध्यक्ष के दावेदारों में विधायक नंदिनी मरावी, गायत्री राजे पवार, नीना वर्मा और मालिनी गौड़ के नाम शामिल हैं। लेकिन विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए अब अगले सत्र तक इंतजार करना पड़ेगा।