गुरुवार से लग रहा है होलाकष्ट /पंडित अरुण कुमार शास्त्री
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गुरुवार से लग रहा है होलाकष्ट /पंडित अरुण कुमार शास्त्री

गुरुवार से लग रहा है होलाकष्ट /पंडित अरुण कुमार शास्त्री
Editor in Chief Abhishek Malviya 
सांचेत 10 मार्च गुरुवार से लग रहा है होलाष्टक सांचेत के पंडित अरुण कुमार शास्त्री ने बताया सही तिथि, समय और वर्जित काम पंडित शास्त्री बताते हैं की
होलाष्टक में शुभ मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है इस वर्ष होलाष्टक का प्रारंभ 10 मार्च से लग रहा है. होलाष्टक में शुभ मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है क्योंकि होली से पूर्व के 8 दिन अशुभ माने जाते हैं. पंडित शास्त्री के अनुसार  होलाष्टक की सही तिथि समय और समापन की तारीख के बारे में.
 इस वर्ष होलाष्टक का प्रारंभ 10 मार्च से लग रहा है. होलाष्टक में शुभ मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है क्योंकि होली से पूर्व के 8 दिन अशुभ माने जाते हैं. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्ट लगता है, जो फाल्गुन पूर्णिमा तक रहता है. फाल्गुन पूर्णिमा की रात जब होलिका दहन होता है, तो होलाष्टक का भी समापन हो जाता है और अगले दिन सुबह में होली खेली जाती है
होलाष्टक की सही तिथि समय और समापन की तारीख के बारे में.

होलाष्टक 2022 प्रारंभ तिथि एवं समय
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 10 मार्च दिन गुरुवार को तड़के 02 बजकर 56 मिनट पर हो रहा है. यह तिथि 11 मार्च को प्रात: 05 बजकर 34 मिनट तक मान्य है. अष्टमी तिथि 10 मार्च को प्रात: शुरु हो रही है, तो होलाष्टक का प्रारंभ भी 10 मार्च को प्रात: 05:34 बजे से होगा.

होलाष्टक 2022 समापन
होलाष्टक का समापन होलिका दहन या फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होता है. ऐसे में फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 17 मार्च दिन गुरुवार को दोपहर 01 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है, जो अगले दिन 18 मार्च दिन शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक मान्य है. पूर्णिमा का चांद 17 को दिखेगा और देर रात होलिका दहन होगा, ऐसे में होलाष्ट का समापन 17 मार्च को हो जाएगा. 

हालांकि फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत 18 मार्च को रखा जाएगा. ऐसे में आपको कोई शुभ कार्य करना है, तो फाल्गुन पूर्णिमा के बाद ही करें. आप इसके संदर्भ में किसी योग्य ज्योतिषाचार्य की मदद ले सकते हैं.

होलाष्टक में वर्जित कार्य
हालोष्टक के समय मुंडन, नामकरण, उपनयन, सगाई, विवाह आदि जैसे संस्कार और गृह प्रवेश, नए मकान, वाहन आदि की खरीदारी आदि जैसे शुभ कार्य नहीं करते हैं. इस समय काल में नई नौकरी या नया बिजनेस भी प्रारंभ करने से बचा जाता है।

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