वनमण्डलाधिकारी ने ग्रामीणों को बताया कि भू-जल संरक्षण कार्य नहीं किये जाने पर वर्षा का जल बिना अवरोध के बह जाने के कारण भू-क्षरण होता है एवं जल संचय नहीं हो पाता और पानी जमीन में रिस कर जमा नहीं होता। उन्होंने ग्रामीणों को यह भी बताया कि भू-जल स्तर में बढ़ोतरी में नरवा विकास योजना अंतर्गत निर्मित संरचनाएं किस प्रकार उपयोगी होती हैं। लगातार भू-जल स्तर गिरने के कारण भविष्य में जल की उपलब्धता प्रभावित होगी जिसका दुष्परिणाम सभी जीवों पर पड़ेगा। इस दौरान उपस्थित नागरिकों द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किये गए। कार्यक्रम के अंत में सभी ने जल संरक्षण करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में नागरिकों के अतिरिक्त दोनों वन मण्डल के समस्त उपवनमण्डलाधिकारी एवं समस्त परिक्षेत्र अधिकारी उपस्थित थे।