नई दिल्ली मोदी सरकार ने कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है। ईपीएफ की बैठक में पीएफ की ब्याज दर घटाने का फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि भविष्य निधि पर पहले 8.5 फीसदी ब्याज मिलता था और अब 8.1 फीसदी कर दिया गया है। यह दर पिछले करीब 4 दशकों यानी 40 सालों में सबसे कम है।
आपको बता दें कि 1977-78 में ईपीएफओ ने 8 फीसदी का ब्याज दिया था। उसके बाद से यह 8.25 फीसदी या उससे अधिक रही है। 11 मार्च, शुक्रवार को ही EPFO की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई थी, जो आज शनिवार को खत्म हुई । इस बैठक में ब्याज दरों को कम कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले से देश के करीब 6 करोड़ कर्मचारियों को बड़ा झटका लगेगा।
बीते वर्षों में यह रही है EPFO की ब्याज दरें
2020-21 - 8.5 फीसदी
2019-20 - 8.5 फीसदी
2018-19 - 8.65 प्रतिशत
2016-17 - 8.65 प्रतिशत
2017-18 - 8.65 प्रतिशत
2015-16 - 8.8 फीसदी
2013-14 - 8.75 प्रतिशत
2014-15 - 8.75 प्रतिशत
पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसदी
गौरतलब है कि फिलहाल पीपीएफ में 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। अगर ग्राहक सरकारी बैंक SBI या सबसे बड़े प्राइवेट बैंक ICICI से तुलना करेंगे तो FD पर अधिकतम 6 फीसदी ब्याज मिल रहा है। इसका मतलब है कि PPF में निवेश कर के कम से कम 1 फीसदी अधिक रिटर्न मिलेगा। पीपीएफ से मिले ब्याज पर टैक्स बेनिफिट भी मिलता है।
पहले से ब्याज दरों में कटौती की थी आशंका
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई है। साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में भी भारी बढ़ोतरी के चलते पहले से आशंका जताई जा रही थी कि सरकार पीएफ पर ज्यादा ब्याज दर देने की स्थिति में नहीं है। इस बारे में पहले से यह संभावना जताई जा रही थी कि केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2021-22 के लिए PF की ब्याज दरों को स्थिर रख सकती है या कटौती कर सकती है।
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