सांचेत ग्राम अंडोंल में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन सोमवार को कथा वाचक धर्म गुरु पंडित ओमप्रकाश जी शुक्ला सौजना बालों ने भागवत कथा में गोवर्धन पूजा के साथ हुए छप्पन भोग के दर्शन कराएं महाराज ने अपने श्रीमुख से गोवर्धन पूजा की दिव्य कथा विस्तार पूर्वक सुनाई। जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।
कथा के छठवें दिन व्यास ने बाल कृष्ण की अनेकों बाल लीलाओं का वर्णन करने के पश्चात गोवर्धन पूजा एवं इन्द्र के मान मर्दन की दिव्य कथा विस्तार से सुनाई। इस अवसर पर भगवान गिरिराज जी महाराज के समक्ष सुंदर छप्पन भोग के दर्शन कराये गये। उन्होंने यह भी बताया कि जहां सत्य एवं भक्ति का समन्वय होता है वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है। गाय की सेवा एवं महत्व को समझाते हुए बताया कि प्रत्येक हिन्दू परिवार में गाय की सेवा अवश्य होनी चाहिए। क्योंकि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। गाय का दूध अमृत के समान बताया। गोवर्धन भगवान की पूजा सभी भक्तों को आचार्य द्वारा विधि विधान से कराई गई। कथा व्यास ने अपने सुरीले कंठ से संगीत की मधुर स्वर लहरियों पर मैं तो गोवर्धन कूं जाऊं मेरे वीर नांप मानै मेरो मनुवा, श्री गोवर्धन महाराज-महाराज तिहारे माथे मुकुट विराज रयौ आदि अनेकों मनमोहक भजन सुनाकर भक्तों को झूमने एवं नृत्य करने को विवश कर दिया। अन्त में आरती के पश्चात सभी को छप्पन भोग का दिव्य प्रसाद वितरित कराया गया।
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