कटनी (9 फरवरी)- जिले की जनपद पंचायत रीठी की ग्राम पंचायत वसुधा। आदिवासी बाहुल्य गांव और चारों ओर से जंगलों से घिरे हैं। कभी ग्राम पंचायत के गांवों में रहने वाले परिवारों के जीविकोपार्जन का मुख्य स्त्रोत मजदूरी और लकड़ी बेचना था, लेकिन आज गांवों की तस्वीर बदल गई है। सरकारी योजनाओं से हुए कार्य के चलते गांवों के चारों ओर हरियाली के साथ ही अब खेतों में सालभर सब्जियां लहलहा रही हैं। जीविका का बारहमासी साधन उपलब्ध होने से ग्रामीणों का जन जीवन भी बदल गया है।
जनपद पंचायत रीठी की ग्राम पंचायत वसुधा बारिश में वॉटर फाल के कारण सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र रहता है। ग्राम पंचायत में वसुधा के साथ ही कुपिया व चिरूहला राजस्व गांव शामिल हैं और शत प्रतिशत आदिवासी गांव है। पंचायत में 2205 लोग निवास करते हैं। यहां कभी सामान्य जनजीवन जीना कठिन था। स्वास्थ्य, शिक्षा, आवागमन के साधनों का अभाव था और विद्युत व्यवस्था का भी अभाव था। ग्राम रोजगार सहायक जमील खान ने बताया कि मनरेगा योजना के प्रारंभ होने से पूर्व ग्राम पंचायत में न्यूनतम श्रममूलक कार्य होते थे लेकिन वर्तमान में ग्राम पंचायत के अधिकांश सार्वजनिक कार्यों को ग्राम पंचायत की उपयोगिता के अनुसार मनरेगा योजना, विधायक, सांसद निधि से प्राप्त राशियों का उपयोग करते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य कराए गए।
ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना से 14 सुदूर सड़कों का निर्माण हुआ है। वहीं 27 निस्तारी तालाब, तीन सफल वृ़क्षारोपण, 54 कपिलधारा कूप, 8 हितग्राहियों के बकरी शेड व वनाधिकार के हितग्राहियों को 41 लोगों को मेड़बंधान और 228 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभांवित किया गया है।
प्रोजेक्ट उन्नति में किया गया शामिल
वसुधा जिले का एकमात्र गांव है, जिसे प्रोजेक्ट उन्नति के रूप में शामिल किया गया। मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2018-19 में मनरेगा योजना अंतर्गत 100 दिवस पूर्ण करने वाले ऐसे कार्डधारी जिनकी उम्र 18 से 45 वर्ष के बीच है, उनको प्रोजेक्ट उन्नति कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित कर लाभांवित करने का कार्य किया जाता है। जिसमें अब तक ग्राम पंचायत के 32 लोगों को चिन्हित कर प्रशिक्षित किए जाने का कार्य किया गया है। यह कार्य आजीविका मिशन के माध्यम से संचालित किया जा रहा है।
जनपद पंचायत सीईओ ज्ञानेन्द्र मिश्रा ने बताया कि ग्राम पंचायत वसुधा में जल संरक्षण, संवर्धन के कार्यों के साथ हितग्राहीमूलक व अन्य विकास, निर्माण के कार्य पूर्ण गुणवत्ता से कराए गए हैं। उनका कहना है कि जहां पंचायत में पूर्व में मूलभूत सुविधाओं का अभाव था तो वर्तमान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और क्षेत्रीय विधायक की दूरदर्शी सोच एवं विकास व निर्माण कार्यों में सतत किए गए सहयोग के कारण ग्राम पंचायत वसुधा विकसित ग्राम पंचायतों की श्रेणी शामिल है।
मनरेगा से हुए कार्य तो बढ़ा गांव का जलस्तर
मनरेगा योजना के प्रभारी डॉ. अजीत सिंह ने बातया कि योजना के क्रियांवयन से ग्राम पंचायत के वाटर लेबिल में अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ है। डॉ. सिंह ने बताया कि गांवों में अधिकांश समय पानी की समस्या रहती थी। वहां मनरेगा योजना से निर्मित कपिलधारा कूप, तालाब, मेढ़ बंधान, वृक्षारोपण, कंटूर ट्रेंच व पुराने नालों के सुदृढ़ीकरण से ग्राम पंचायत में आज चारों ओर हरियाली देखने को मिल रही है। ग्राम पंचायत सरपंच सीतारानी, सचिव शिवलाल यादव, ग्राम रोजगार सहायक जमील खान, सेक्टर उपयंत्री अनिल जाटव का कहना है कि वर्तमान में ग्राम पंचायत में उमरिया, हथकुरी, बांधा, इमलाज चारों तरफ से आवागमन सुगम हो गया है। जलस्तर बढ़ने से पानी सहज उपलब्ध है और वसुधा व कुपिया में अधिकांश किसानों द्वारा सब्जियों का भरपूर उत्पादन किया जा रहा है। सब्जियों को रीठी व कटनी सहित अन्य स्थानीय बाजारों मंे बेचकर ग्रामीण बेहतर ढंग से अपने परिवार का भरण पोषण कर पा रहे हैं। स्थानीय निवासी फागूलाल व शांतिबाई ने बताया कि मनरेगा योजना के कारण अब सालभर सब्जियों का उत्पादन ग्राम पंचायत में बढ़ा है और गांव के आदिवासी समाज के लोग जो मजदूरी व लकड़ी बेचकर परिवार पालते थे, उनके पास बारहमासी आय का स्त्रोत उपलब्ध है।
पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी ग्राम पंचायत वसुधा में अब तक जनपद की सबसे 100 दिवस का रोजगार देने वाली ग्राम पंचायत है। इस वर्ष 97 जॉब कार्डधारी परिवारों को 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराते हुए 650 श्रमिकों को 28 हजार मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
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