ग्वालियर-चंबल अंचल में उद्यानिकी के किसानों के लिए प्रशिक्षण-सत्र का केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा शुभारंभ फसल विविधीकरण आज की महत्वपूर्ण जरूरत- श्री तोमर कृषि व उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र-राज्य ने कई सुविधाएं जुटाई
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ग्वालियर-चंबल अंचल में उद्यानिकी के किसानों के लिए प्रशिक्षण-सत्र का केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा शुभारंभ फसल विविधीकरण आज की महत्वपूर्ण जरूरत- श्री तोमर कृषि व उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र-राज्य ने कई सुविधाएं जुटाई

श्योपुर, 20 फरवरी 2022
ग्वालियर-चंबल अंचल में उद्यानिकी के किसानों के लिएप्रशिक्षण-सत्र का शुभारंभकेंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि फसल विविधीकरण आज की महत्वपूर्ण जरूरत है। श्री तोमर ने कहा कि अंचल में कृषि व उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने अनेक सुविधाएं जुटाईं हैं, जिनमेंउद्यानिकी का क्षेत्रीय कार्यालय, टिश्यू कल्चर लैब, फ्लोरिकल्चर गार्डन, राज्य स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र अहम् है। इन सबके माध्यम से क्षेत्र में कृषि और किसानों की दिन दूनी-रात चौगुनी उन्नति होगी।
मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने दिल्ली से वर्चुअल संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान व उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों के प्रयत्नों से पूरे प्रदेश में कृषि व उद्यानिकी क्षेत्र तथा किसानों को सरकारी योजनाओं व सुविधाओं का लाभ मिल रहा है और मध्य प्रदेश आज अग्रणी भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की हमेशा यहीं इच्छा रहती है कि किसान आगे बढ़े, उनकी आमदनी बढ़े, बिचौलियों की समाप्ति हो और कृषि समृद्ध हो ताकि किसानों का योगदान देश के नवनिर्माण में हो सकें। पिछले 7 साल में केंद्र सरकार ने कई अभिनव योजनाओं का सृजन किया व उन्हें भली-भांतिक्रियान्वित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की योजना में साढ़े 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को 1.82 लाख करोड़ रू.सीधे उनके बैंक खातों में पारदर्शिता से पहुंचाए गए, जिसमें एक रूपए की भी अमानत में खयानत में नहीं हुई, यह अत्यंत महत्वपूर्ण-ऐतिहासिक बात है।
श्री तोमर ने कहा कि देश में 86 प्रतिशत छोटे किसान है, उन्हें ताकत देने की दृष्टि से 6,865 करोड़ रू. खर्च कर10 हजार नए एफपीओ बनाने जा रहे हैं।छोटे-छोटे रकबे के किसान बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर एफपीओ बनाते हैं तो केंद्र सरकार उन्हेंबीज से लेकर बाजार की उपलब्धता तक के लिए पूरी सहायता देती है, ताकिउन्हें उनकी उपज के वाजिब दाम मिल सकें। किसान एफपीओके जरिये प्रोसेसिंग भी कर सकते हैं, जिसके लिए दो करोड़ रू. तक लोन मिल सकता है, जिस पर ब्याज की सब्सिडी व बिना गारंटी के लोन से किसान आगे बढ़ने का रास्ता तय कर सकते हैं। गांवों में वेयर हाऊस, कोल्ड स्टोरेज आदि साधन-सुविधाएं जुटाने के लिए कृषि व समबद्ध क्षेत्रों हेतुप्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने डेढ़ लाख करोड़ रू. से ज्यादा के विशेष पैकेज दिए है। इनमें एक लाख करोड़ रू. का एग्रीकल्चरइंफ्रा फंड भी है, जिसका उपयोग म.प्र. सरकार अच्छे से कर रही है, म.प्र.में केंद्र और भी पैसा देने को तैयार है।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि उद्यानिकी में भी केंद्र सरकार राज्य शासन के माध्यम से काम कर रही है। फसल विविधीकरण आज की महत्वपूर्ण जरूरत है।सरकार उद्यानिकी रकबे को बढ़ाना, किसानों को मदद देना चाहती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कोरोना काल में हल्दी की मांग बढ़ी है, हल्दी जैसी उपज उगाने में किसानों को ज्यादा आय हो सकती है, साथ ही हम दुनिया को आपूर्ति कर सकेंगे।
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श्री तोमर ने कहा कि किसान अपनी खेती की लागत कम करें, केमिकल से आर्गेनिक खेती की तरफ बढ़े, टेक्नालाजी का उपयोग करें, इन सबसे फसलों की गुणवत्ता बढ़ेगी, उत्पादन व उत्पादकता बढ़ेगी, किसानों की आय बढ़ेगी और निर्यात भी बढ़ेगा। श्री तोमर ने बताया कि पशुओं से खेतों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए हमने तार फेंसिंग की सुविधा का प्रावधान आरकेवीवाई में जोड़ दिया है। धरती पर सभी चीजों की उपयोगिता है वहीं ये एक-दूसरे कीपूरक है। गायों का उपयोग प्राकृतिक खेती के लिए करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इससे खेती की लागत बहुत कम हो जाएगी व उपज सामान्य से कहीं ज्यादा दाम पर बिक सकेगी। प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को बाजार से कुछ खरीदना नहीं है बल्कि बिना पैसे के किसान अच्छा उत्पादन कर महंगे दाम पर बेच सकते हैं।
श्री तोमर ने कहा कि कल ही इंदौर में बायो सीएनजी प्लांट का उद्घाटन प्रधानमंत्री जी ने किया, जिससे रोजगार भी सृजित होंगे व आय से नगर निगम को मदद भी मिल सकेगी।ग्वालियर में उद्यानिकी के क्षेत्रीय कार्यालय का शुभारंभ किया है, जिससे प्रोजेक्ट वहीं मंजूर हो सकेंगे। मुरैना के नूराबाद में मेनरोड पर ही इजराइल के सहयोग से उत्कृष्टता केंद्र बनाया जा रहा है, जिसका काम जल्द पूरा होगा, इसके माध्यम से टेक्नालाजी व अन्य सहयोग मिलेगा, जिससे दिन-दूनी रात चौगुनी प्रगति होगी। एक जिला- एकउत्पाद योजना का भी लाभ किसानों को लेना चाहिए व स्थानीय उत्पादों पर गर्व होना चाहिए, तो बाजार ढूंढने नहीं जाना पड़ेगा, बाजार खुद-ब-खुद पास आएगा। ग्वालियर में टिश्यू कल्चर लैब व फ्लोरिकल्चर गार्डन के माध्यम से भी कृषि-उद्यानिकी क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा तथा अंचल के किसानों को लाभ होगा। इसी तरह राज्य स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र भी बनाया ज रहा है। श्री तोमर ने कहा कि प्रशिक्षण-सत्र में किसान भाई रस्म पूरी नहीं करें बल्कि सीखे व अपनी शंकाओं का समाधान करें।कोशिश यह होना चाहिए कि खुद सीखने के साथ ही दूसरों को भी जाकर सिखाएं, जिससे ज्यादा रकबा होगा तो मार्केट आपकी तरफ आएगा।
म.प्र. के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार देश व प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संकल्पित है। इसी उद्देश्य से दोनों सरकारों द्वारा किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा म.प्र. में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार से भरपूर मदद मिल रही है। केंद्र द्वारा ग्वालियर में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना के लिए श्री कुशवाह ने केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर का आभार माना। साथ ही कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रदेश में उद्यानिकी फसलों को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में यह संभागीय प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया है।
कार्यक्रम में श्री कप्तान सिंह सहसारी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण,राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस.एस. तोमर व जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आशीष तिवारी सहित उद्यानिकी, कृषि व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक तथा ग्वालियर, भिंड, मुरैना व दतिया जिले के प्रगतिशील कृषक मौजूद थे।


 

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