बुरहानपुर/11 फरवरी, 2022/-जिले में आत्मा योजनान्तर्गत औषधीय फसलों की खेती नवाचार के रूप में प्रारंभ करके अधिक मुनाफा कमा रहे किसान। हम बात कर रहे है, धाबा विकासखंड खकनार जिला बुरहानपुर निवासी श्री धनपाल प्रकाश सिंह की।
श्री धनपाल सिंह बताते है कि पूर्व में खरीफ में सोयाबीन एवं रबी में गेहूँ की पारंपरिक खेती की जाती थी, रबी में गेहूँ की फसल से प्रति एकड़ उत्पादन 14-15 क्विंटल प्राप्त होता था। जिससे शुद्ध लाभ के रूप में 20-25 हजार प्रति एकड़़ लाभ हो जाता था। वे बताते है कि आत्मा योजनान्तर्गत औषधीय फसलांे की खेती नवाचार के रूप में प्रारंभ करके बाजार की अनुपलब्धता के कारण समृधि ऑर्गेनिक एग्रो बायोटेक कम्पनी से अनुबंध किया। एक एकड़ क्षेत्र पर चिया सीड की खेती की गई, जिससे 4.5 क्विंटल उत्पादन प्राप्त हुआ एवं 15400/- रु. क्विंटल की दर से 69300/-रु. की फसल से आय प्राप्त हुई। इस फसल से शुद्ध आय के रूप में 55000/-प्रति एकड़ प्राप्त हुए। इससे आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। वर्तमान में वर्ष 2021-22 में मेरे द्वारा 2 एकड़ क्षेत्र में बुआई की गई हैं।
श्री धनपाल सिंह बताते है कि पूर्व में खरीफ में सोयाबीन एवं रबी में गेहूँ की पारंपरिक खेती की जाती थी, रबी में गेहूँ की फसल से प्रति एकड़ उत्पादन 14-15 क्विंटल प्राप्त होता था। जिससे शुद्ध लाभ के रूप में 20-25 हजार प्रति एकड़़ लाभ हो जाता था। वे बताते है कि आत्मा योजनान्तर्गत औषधीय फसलांे की खेती नवाचार के रूप में प्रारंभ करके बाजार की अनुपलब्धता के कारण समृधि ऑर्गेनिक एग्रो बायोटेक कम्पनी से अनुबंध किया। एक एकड़ क्षेत्र पर चिया सीड की खेती की गई, जिससे 4.5 क्विंटल उत्पादन प्राप्त हुआ एवं 15400/- रु. क्विंटल की दर से 69300/-रु. की फसल से आय प्राप्त हुई। इस फसल से शुद्ध आय के रूप में 55000/-प्रति एकड़ प्राप्त हुए। इससे आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। वर्तमान में वर्ष 2021-22 में मेरे द्वारा 2 एकड़ क्षेत्र में बुआई की गई हैं।
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