लखनऊ । समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष 

अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के 

अध्यक्ष जयंत चौधरी लगातार भाईचारे के 

नाम पर अपने वोट बैंक को मजबूत करने 

और नकारात्मक राजनीति के लिए भाजपा 

को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों नेताओं ने उत्तर प्रदेश विधानसभा 

चुनाव के लिए अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए 

शामली जिले के कैराना और गाजियाबाद का दौरा किया। कैराना हमेशा 

ध्यान आकर्षित करता है क्योंकि भाजपा राज्य में सपा शासन के दौरान 

क्षेत्र से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठाती रही है। अखिलेश यादव ने हाल 

ही में शामली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा ‎कि कैराना 

पलायन की बात करने वालों को विधानसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश से 

पलायन करना होगा। भाजपा केवल नकारात्मकता की राजनीति कर रही 

है। उन्होंने कहा ‎कि सपा-रालोद का गठबंधन भाईचारे के लिए है। यह यूपी 

में भाईचारा बनाम भाजपा के बीच की लड़ाई है। रालोद नेता जयंत चौधरी 

ने किसानों का मुद्दा उठाया और कहा कि केंद्रीय बजट में यूपी के किसानों 

को कुछ भी नहीं दिया गया है। 

उन्होंने कह ‎कि आमतौर पर बजट में चुनाव वाले राज्यों के लिए कुछ होता 

है लेकिन इस बजट में किसान, युवाओं और राज्य को पूरी तरह से 

नजरअंदाज कर दिया गया है। गाजियाबाद के लोनी में में जनसंपर्क 

कार्यक्रम के दौरान दोनों नेताओं के हाथों में गन्ने थे। यह इलाका गन्ना 

उत्पादक किसानों के लिए जाना जाता है। अखिलेश यादव ने वादा किया 

कि अगर सपा के नेतृत्व वाला गठबंधन सत्ता में आता है तो वह 15 दिनों 

के भीतर गन्ने का बकाया चुका देंगे। अखिलेश ने अपनी विजय रथ यात्रा 

के दौरान गाजियाबाद में कहा, यह एक गन्ना क्षेत्र है और किसान अपने 

गन्ने का समय पर भुगतान और बेहतर मूल्य चाहते हैं। उन्हें सपा-रालोद 

पर भरोसा है और हम उन्हें बकाया देंगे।