मंदसौर 1 फरवरी 22/ पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि जंगल यदि ऑक्सीजन देकर वातावरण को शुद्ध बनाते हैं, तो नदी, तालाब, पोखर आदि वेटलैंड पर्यावरण के लिये किडनी का काम करते हैं। वेटलैंड बरसात, बाढ़ आदि के पानी में मौजूद खतरनाक रसायनों और पदार्थों को फिल्टर कर उसे प्राणियों के पीने योग्य बनाते हैं। तालाब, वन से कहीं अधिक कार्बन का अवशोषण करते हैं। मध्यप्रदेश का भोज वेटलैंड रामसर साइट में शामिल है। केन्द्र शासन को 3 नये रामसर साइट का प्रस्ताव भेजा गया है। श्री डंग ने यह बात आज एप्को में विश्व वेटलैंड दिवस के अवसर पर आयोजित 'वेटलैंड संरक्षण की चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ' पर केन्द्रित संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कही। एप्को के कार्यपालन निदेशक श्री श्रीमन शुक्ला और राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के सदस्य श्री अभिलाष खांडेकर भी मौजूद थे।
श्री डंग ने एप्को के अधिकारी-कर्मचारियों से कहा कि केवल कार्यालय में बैठकर ही न काम करें। प्रदेश में 15 हजार 152 तालाब हैं, जिनके संरक्षण में व्यवहारिक रूप से भी कार्य करें। संरक्षण कार्य में और लोगों को भी प्रेरित करें। अपनी दिनचर्या में से भारत माता के लिये 1-2 घंटे निकालना भी देश की सच्ची सेवा होगी। वेटलैंड प्राधिकरण की बैठक एक वर्ष के स्थान पर हर 3माह में करने के निर्देश दिये।
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